मेलबर्न: भारत सहित पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों ने शनिवार को ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर एक नए सितारे का उदय देखा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी चौथे टेस्ट मैच में टीम इंडिया बैकफुट पर थी। सबकुछ उम्मीदों के उलट हो रहा था। हालांकि, तमाम आशंकाओं के बीच अपना महज चौथा टेस्ट खेल रहे 21 साल के नितीश रेड्डी ने वो कारनामा कर दिखाया, जिसकी उम्मीद शायद ही किसी को रही होगी।
नितीश कुमार रेड्डी आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। इस समय तक भारत 191 रन पर 6 विकेट गंवाकर फॉलोऑन बचाने के लिए जूझ रहा था। नितीश ने खूंटा गाड़ा और अपना पहला टेस्ट शतक जमाते हुए इतिहास रच दिया। नितीश ने 172 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। इसमें 10 चौके और एक छक्का शामिल था। नितीश खेल के तीसरे दिन स्टप्स तक क्रिज पर बने हुए हैं और उनकी पारी की बदौलत भारत भी मैच में बना हुआ है। भारत ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 474 रनों के जवाब में 9 विकेट गंवाकर 358 रन बना लिए थे।
नितीश रेड्डी का क्रिकेट करियर
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि नितीश का क्रिकेट के प्रति प्यार और विराट कोहली के खेल से लगाव, वो अहम बातें रही जिसकी बदौलत वे तमाम वित्तीय बाधाओं को पीछे छोड़ टीम इंडिया के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा करने में सफल रहे।
नितीश सिर्फ 12 साल के थे जब उनके पिता मुत्याला रेड्डी ने उन्हें भारत के पूर्व विकेटकीपर और पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद से मिलवाया। दिलचस्प बात रही पिता मुत्याला भी अपने बेटे की मेलबर्न की शानदार पारी देखने के लिए स्टैंड में मौजूद थे। पिता ने अपनी सरकारी नौकरी से समय से पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था ताकि नितीश के क्रिकेट के सपने को पूरा किया जा सके। बहरहाल, उन्होंने एमएसके प्रसाद से बेटे के लिए मार्गदर्शन मांगा।
नेट्स में नितीश के शॉर्ट्स देख प्रभावित हुए थे एमएसके प्रसाद
घरेलू क्रिकेट में आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके एमएसके प्रसाद ने नितीश से कुछ सवाल पूछे और फिर नेट्स में उनका खेल देखा। जाहिर है इस युवा खिलाड़ी ने अपने क्रिकेटिंग शॉर्ट्स और अनुशासित विकेट-टू-विकेट गेंदबाजी से प्रसाद को प्रभावित कर दिया।
इसके बाद नितीश की प्रतिभा को पहचानते हुए प्रसाद ने उन्हें आंध्र क्रिकेट मैनेजमेंट से मिलवाया। इसके बाद इस खिलाड़ी को आगे बढ़ाने का फैसला हुआ। एसोसिएशन ने नितीश के लिए प्रति माह 15,000 रुपये का निवेश करने को मंजूरी दी और उनकी क्रिकेट और शैक्षिक आवश्यकताओं का उस समय तक ख्याल रखा जब तक उन्होंने एक मुकाम हासिल नहीं किया।
Stumps on Day 3 in Melbourne!#TeamIndia reach 358/9 courtesy a unbeaten maiden hundred from Nitish Kumar Reddy and a fighting fifty from Washington Sundar 👍
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— BCCI (@BCCI) December 28, 2024
‘नितीश रेड्डी पर पूरे आंध्र क्रिकेट और देश को गर्व’
नितीश के खेल पर टीओआई से बात करते हुए एमएसके प्रसाद ने कहा, ‘यह नितीश, उनके परिवार और मेरे लिए सबसे खुशी के क्षणों में से एक है। पूरे देश और आंध्र क्रिकेट को उस पर गर्व है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आता है, उसने बाधाओं को हराया, और अब वह एक सुपरस्टार हैं। नीतीश ने इस स्तर तक पहुंचने के लिए अविश्वसनीय रूप से कड़ी मेहनत की है। मैं उनके परिवार को सलाम करता हूं, जिन्होंने उनका समर्थन करने के लिए अभूतपूर्व बलिदान दिया।’
उन्होंने कहा, ‘आंध्र क्रिकेट ने उन्हें आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। जब से उसके पिता उसे मेरे पास लाए थे, मुझे पता था कि यह लड़का बड़े मंच पर बड़ी चीजों के लिए बना है। आंध्र क्रिकेट ने उस पर 15,000 रुपये प्रति माह का निवेश किया जब तक कि वह एक स्तर तक नहीं पहुंच गया। उन्होंने उसके क्रिकेट और शिक्षा का ख्याल रखा। जब वह मेरे पास आया तो वह सिर्फ 12 साल का था।’
मेलबर्न में नितीश ने क्या रिकॉर्ड बनाए?
रेड्डी आठवें या उससे निचले क्रम पर बल्लेबाजी करने के बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। रेड्डी एमसीजी में अपना पहला टेस्ट शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय भी बने हैं। इससे पहले 1948 में वीनू मांकड़ ने ऐसा किया था।
नितीश के शतक पूरा होते ही दर्शक दीर्घा में मौजूद रेड्डी के पिता मुत्याला बेहद भावुक नजर आए। स्टैंड में लगभग आगे की सीट से उत्सुकता से मैच देख रहे पिता की आंखों में आंसू थे। रेड्डी ने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर एक शानदार ऑन-ड्राइव के जरिए 171 गेंदों में शतक पूरा किया।