कोलकाता: भारत-बांग्लादेश के बढ़ते तनाव के बीच कोलकाता में एक बड़ी पासपोर्ट धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। बुधवार को कोलकाता पुलिस ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके बांग्लादेशी नागरिकों को 73 भारतीय पासपोर्ट जारी किए गए थे।
पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी-SIT) गठित किया है। पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ के बाद अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही।
दावा किया जा रहा है कि रिजनल पासपोर्ट ऑथोरिटी ने ये 73 भारतीय पासपोर्ट जारी किए थे। इसके अलावा, 48 अन्य भारतीय पासपोर्ट भी जब्त कर ब्लॉक कर दिए गए हैं।
यही नहीं दावा यह भी है कि इन 48 भारतीय पासपोर्ट के आवेदकों ने कथित तौर पर आवेदन प्रक्रिया पूरी की थी और वे फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके विदेश यात्रा कर चुके हैं। जांच में पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन 121 पासपोर्टों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन किया गया था या नहीं।
फर्जी पासपोर्ट मामले में दो अस्थायी डाककर्मी गिरफ्तार
पुलिस ने सोमवार को मुख्य आरोपी समरेश बिस्वास को गिरफ्तार किया। इससे पहले, पुलिस ने समरेश के बेटे रिपन बिस्वास को भी गिरफ्तार किया था। मंगलवार को दोनों को अलीपुर अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 24 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पूछताछ में पता चला कि समरेश पहले भी पासपोर्ट जालसाजी के मामलों में बारासात, चुंचुरा और दिल्ली में गिरफ्तार हो चुका है। जांच के दौरान, पुलिस ने दीपक मंडल और तारकनाथ सेन नामक दो अस्थायी डाकघर कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है, जिन पर इन धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है।
कोलकाता पुलिस के अनुसार, पासपोर्ट फर्जीवाड़े के ज्यादातर मामले उत्तर 21 परगना जिले में सामने आए हैं, जहां आरोपियों ने कथित तौर पर पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया के दौरान फर्जी मतदाता और आधार कार्ड अपलोड किए थे।
शुरुआती जांच में पुलिस ने कहा कि हावड़ा के अमता और उत्तर 24 परगना के बशीरहाट के दो डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्रों के कुछ कर्मचारियों ने कथित तौर पर दस्तावेजों को सत्यापित किए बिना उन्हें अपलोड किया था।
कोलकाता पुलिस फ्रांस और इटली के अधिकारियों से कर रही है संपर्क
पुलिस को शक है कि फर्जी पासपोर्ट रखने वाले लोग पहले बांग्लादेश से भारत आए और फिर इन फर्जी भारतीय पासपोर्ट और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर विदेश गए।
पुलिस फर्जी भारतीय पासपोर्ट से विदेश जाने वालों की जांच कर रही है और इसके लिए फ्रांस और इटली के अधिकारियों से संपर्क कर रही है।
मामले की जानकारी विदेश मंत्रालय को दी गई है, और 48 फर्जी भारतीय पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्य आरोपियों ने हर पासपोर्ट के लिए दो से पांच लाख रुपए वसूले। जांचकर्ता अब इस घोटाले में पासपोर्ट सेवा केंद्रों और डाकघरों की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।