नई दिल्ली: सरकार ने फर्जी बम धमकियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए विमान सुरक्षा नियम, 2023 में बदलाव किया है। नए नियम के अनुसार, एयरलाइंस और एयरपोर्ट को फर्जी बम की धमकियां देने वाले को ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में शामिल किया जाएगा या फिर उन्हें विमान से उतार दिया जाएगा।
यही नहीं ऐसे लोगों पर गंभीर विमानन सुरक्षा उल्लंघन जैसे विमान को हाईजैक करने की कोशिश करना या फिर उसमें विस्फोटक रखना जैसे आरोपों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन पर एक लाख या इससे अधिक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
अगर ऐसी धमकियां किसी संगठन की ओर से आती हैं, तो उन पर एक लाख से एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा। सरकार ने हाल ही में फर्जी बम धमकियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए कानून में संशोधन करने का फैसला लिया है।
इन फर्जी धमकियों से न केवल रात्रियों को परेशानी हुई है बल्कि इससे एयरलाइन को भी काफी नुकसान हुआ है। इस कदम का उद्देश्य फर्जी धमकियों से निपटना और सुरक्षा बढ़ाना है।
पिछले महीने नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संसद में बताया कि अगस्त 2022 से 13 नवंबर 2024 के बीच घरेलू एयरलाइनों को 1,143 फर्जी बम धमकियां मिलीं, जिनमें इस साल काफी बढ़ोतरी हुई है। इनमें से, 2024 में अकेले 994 फर्जी धमकियां दर्ज की गईं।
मंत्रालय के अनुसार, एक जनवरी से 14 नवंबर 2024 के बीच एयरलाइंस को कुल 999 फर्जी बम धमकियां मिलीं, जिनमें अक्टूबर में 666 धमकियां शामिल थीं।
विमान (सुरक्षा) नियम, 2023 में क्या संशोधन हुए हैं
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 16 दिसंबर को एक राजपत्र अधिसूचना में विमान (सुरक्षा) नियम में धारा 30ए शामिल किया है। यह प्रावधान झूठी जानकारी फैलाने को दंडनीय अपराध बनाता है।
नए नियम के तहत, अगर कोई व्यक्ति विमान, हवाई अड्डे या नागरिक उड्डयन सुविधा की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए यात्रियों, चालक दल या ग्राउंड स्टाफ के बीच डर का माहौल बनाता है या उड्डयन संचालन में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, विमान (सुरक्षा) नियम, 2023 में धारा 29ए भी शामिल की गई है। इस धारा के तहत, महानिदेशक को अधिकार दिया गया है कि वे किसी व्यक्ति या समूह को विमान में चढ़ने से रोकने या विमान से उतारने के लिए लिखित निर्देश जारी कर सकते हैं।
इन नियमों के तहत, दंड का प्रावधान अपराध की प्रकृति के आधार पर एक लाख, 50 लाख, 75 लाख या एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि अपराध करने वाला एक व्यक्ति है या 300 से अधिक कर्मचारियों वाला कोई बड़ा संगठन।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम में भी किए गए हैं बदलाव
पहले, नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम (एसयूएएससीए) केवल उन अपराधों को कवर करता था जो विमान के हवा में होने पर किए जाते थे। लेकिन हाल के संशोधन में इसके दायरे को बढ़ा दिया गया है, और अब इसमें हवा के साथ-साथ जमीन पर या हवाई अड्डों पर होने वाले खतरों को भी शामिल किया गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने फर्जी धमकियों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अब यह कानून उड़ान संचालन के हर चरण को कवर करता है।
यही नहीं, सरकार ने फर्जी बम धमकियों से निपटने के लिए अपने प्रोटोकॉल में भी बदलाव किया है। कई बार ऐसा देखा गया है कि गुमनाम सोशल मीडिया अकाउंट से फर्जी बम धमकियां दी गईं और बाद में पोस्ट को हटा दिया गया।
पहले उड़ान संख्या वाले किसी भी मैसेज या कॉल को गंभीर खतरा मानते हुए उस पर तत्काल कार्रवाई की जाती थी। लेकिन अब अनावश्यक रुकावटों को रोकने के लिए यह प्रक्रिया बदल दी गई है।
ऐसे में अब अगर किसी धमकी को झूठा माना जाता है, तो उस स्रोत से आए अन्य मैसेजों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही, उड़ानें बिना रुकावट अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगी।