नई दिल्ली: प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) की ओर से राहुल गांधी को लिखी गई एक चिट्ठी में कांग्रेस पार्टी से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से संबंधित व्यक्तिगत कागजात वापस करने का अनुरोध किया गया है। ये कागजात कथित तौर पर 2008 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा ले लिए गए थे।
इन कागजातों में जवाहरलाल नेहरू द्वारा लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन, जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम, अल्बर्ट आइंस्टीन सहित अन्य को लिखे गए पत्र शामिल हैं। ये सभी पत्र संग्रहालय को दान कर दिये गये थे। हालांकि, 2008 में सोनिया गांधी के अनुरोध पर इन्हें सार्वजनिक पहुंच से हटा दिया गया था।
सितंबर में भी PMML ने भेजा था अनुरोध
इससे पहले सितंबर में भी पीएमएमएल द्वारा इसी तरह के एक पत्र में सोनिया गांधी से या तो कागजात वापस करने, प्रतियां प्रदान करने या उन तक डिजिटल पहुंच प्रदान करने का आग्रह किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन चिट्ठियों को वापस करने की मांग करने वाला पत्र रिजवान कादरी द्वारा लिखा गया था। रिजवान कादरी एक इतिहासकार और लेखक हैं। वे पीएमएमएल सोसायटी के सदस्यों में से एक भी हैं।
न्यूज-18 की एक रिपोर्ट के अनुसार कादरी ने बताया, मैंने 9 सितंबर को सोनिया गांधी जी को पत्र लिखा था और अब फिर मैंने राहुल गांधी को इस बारे में लिखा है।’
कादरी ने आगे बताया, ‘पत्र में मैंने राहुल गांधी से अनुरोध किया है और इस बात का उल्लेख किया है कि 2008 में सोनिया गांधी जी के आदेश पर जो भी संग्रहित चीजें वापस ली गई थी, उसे वापस किया जाना चाहिए। यह सबकुछ लगभग 51 बक्सों का है।’
सितंबर में कादरी ने मीडिया को बताया था कि जवाहरलाल नेहरू से संबंधित रिकॉर्ड वाले 51 बक्सों को सोनिया गांधी के कार्यालय ने पीएमएमएल, जिसे पहले नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय या एनएमएमएल के नाम से जाना जाता था, वहां से वापस ले लिया था।
कादरी ने कहा था, ‘जो कागजात वापस लिए गए हैं, उसमें जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम, एडविना माउंटबेटन को लिखी चिट्ठी सहित कई अन्य कागजात भी शामिल थे।’ कादरी के अनुसार भारत के इतिहास की व्यापक समझ बनाने के लिए इन कागजात को वापस मांगा जा रहा है।
भाजपा ने क्या कहा है?
इस बीच पूरे मुद्दे पर भाजपा नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पूछा कि इन चिट्ठियों की सामग्री को ‘सेंसर’ करने की आवश्यकता क्यों है।
पात्रा ने लिखा, ‘यह दिलचस्प है! आज जिसे प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय और पूर्व में नेहरू संग्रहालय और पुस्तकालय जाना जाता था, वहां से तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘एडविना माउंटबेटन’ सहित विभिन्न हस्तियों को नेहरू द्वारा लिखे गए पत्रों के 51 बॉक्स ले लिए! पीएमएमएल की हाल ही में संपन्न एजीएम में सदस्यों में से एक रिजवान कादरी ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा है और उनकी मां सोनिया गांधी से चिट्ठियां वापस पाने में उनकी मदद मांगी है!’
पात्रा ने आगे लिखा कहा, ‘मुझे इस बात में दिलचस्पी है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा, जिसे सेंसर करने की जरूरत है और लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी क्या नेहरू और एडविना के बीच के पत्रों को वापस लाने में मदद करेंगे!’
This is intriguing!
From What’s today the Prime Minister’s Museum and Library & formerly Nehru Museum and Library, the then UPA Chairperson Sonia Gandhi took away 51 cartoons of letters written by Nehru to various personalities including “EDWINA MOUNTBATTEN”!
In the recently… pic.twitter.com/2TVwjPUSi3— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 16, 2024
अमित मालवीय ने भी अपने एक्स पोस्ट में ऐसी ही बातें लिखी। उन्होंने भी जिक्र किया कि आखिर नेहरू ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा जिसपर सेंसरशिप की जरूरत है?