लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित बयान के लिए उनका समर्थन किया। हाल ही में, विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर यूसीसी की वकालत की थी।
शनिवार को सीएम ने कहा कि केवल जज ने सही बात कही और अपनी राय रखी तो उनके खिलाफ महाभियोग नोटिस लाया गया है। उन्होंने महाभियोग नोटिस दाखिल करने के लिए विपक्ष की आलोचना की।
योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर पाखंडी होने का आरोप लगाया और कहा कि वे एक ओर संविधान की रक्षा की बात करते हैं, जबकि दूसरी ओर सच बोलने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रहे।
मुंबई में विश्व हिंदू आर्थिक मंच 2024 में शामिल होते हुए सीएम ने बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के विभाजन को खत्म करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
सीएम ने कहा कि कई देशों में सामाजिक व्यवस्थाएं बहुसंख्यकों की भावनाओं को मान्यता देती हैं। ऐसे में भारत में बहुसंख्यक इन विभाजनों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं तो इसमें वे कौन सा अपराध कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि कुछ समूह जबरन सच बोलने वालों को चुप कराकर इन कोशिशों का विरोध कर रहे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के व्यवहार को समाज के सामने उजागर किया जाना चाहिए।
जगदीप धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव दायर करने के लिए विपक्ष की आलोचना की
सीएम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देकर दोहरे मानदंड अपना रहे हैं।
सीएम योगी ने कुछ कांग्रेस नेताओं पर भारत की पहचान, संस्कृति, परंपराओं, भाषाओं और समाज में महिलाओं की भूमिका को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। यही नहीं उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया और महर्षि वेद व्यास के बारे में उनके दावों पर टिप्पणी की।
योगी आदित्यनाथ ने संवैधानिक गरिमा को बनाए रखने और उच्च सदन को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए उपराष्ट्रपति धनखड़ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर इस पद पर हैं। ऐसे में विपक्ष उनकी उन्नति से परेशान है, इसलिए उनके खिलाफ ऐसे प्रस्ताव दायर किया है।
उत्तर प्रदेश की जीडीपी को लेकर सीएम योगी ने क्या कहा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि पर बात की और राज्य की जीडीपी वृद्धि को लेकर कहा कि मार्च 2025 तक यूपी की जीडीपी 32 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
इसके अलावा, सीएम ने पिछली सरकारों की गलत नीतियों की आलोचना की। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भारत की विरासत का अपमान किया था।
यूपी के बारे में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि राज्य की हिस्सेदारी राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में बढ़कर 9.2 फीसदी हो गई है, और अब यह देश की प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गई है।