ओटावा: कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता विभाग (आईआरसीसी) ने भारतीय छात्रों को ईमेल भेजकर उनके जरूरी दस्तावेजों को फिर से जमा करने के लिए कहा है।
आईआरसीसी ने छात्रों से स्टडी परमिट, वीजा, शैक्षिक रिकॉर्ड, कोर्स के नंबर और स्कूल और कॉलेजों में उनकी हाजरी जैसे दस्तावेजों को फिर से जमा करने को कहा है। विभाग के नए ईमेल ने छात्रों में चिंता बढ़ा दी है, खासकर उन छात्रों में जिनके वीजा की वैधता लंबी है।
हाल ही में कनाडा ने स्टडी परमिट को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। छात्रों के प्रवेश पर कैप लिमिट लगाई गई है और स्टडी परमिट से जुड़ी वित्तीय आवश्यकताएं सख्त कर दी गई हैं। ऐसे में आईआरसीसी का यह कदम अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर नीतियों को सख्त करने के प्रयास का हिस्सा है।
ईमेल पाने वाले छात्रों में कई ऐसे भी हैं जिनके पास दो साल तक का वैध वीजा है। साल 2026 तक कनाडा के वैध वीजा वाले हैदराबाद के एक स्नातकोत्तर छात्र ने अपनी चिंता जाहिर की है।
छात्र ने बताया कि उसे स्कूल और कॉलेज में हाजिरी, कोर्स के नंबर और पार्ट-टाइम काम की जानकारी फिर से जमा करने के लिए कहा गया है। ईमेल मिलने से छात्रों में घबराहट है और उन्हें डर है कि कहीं उन्हें कनाडा से वापस न भेज दिया जाए।
पिछले हफ्ते से आईआरसीसी के इस तरह के ईमेल की हुई है बढ़ोतरी
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पिछले हफ्ते कनाडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों, खासकर पंजाब के छात्रों को ऐसे ईमेल ज्यादा मिले। कुछ छात्रों से आईआरसीसी कार्यालय जाकर अपनी साख की पुष्टि करने को भी कहा गया।
ईमेल मिलने के बाद कई छात्रों ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं और आईआरसीसी से साफ-साफ जानकारी देने की मांग की। विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को आईआरसीसी के ईमेल को गंभीरता से लेना चाहिए और किसी भी समस्या से बचने के लिए जरूरी दस्तावेज जल्द से जल्द जमा करने चाहिए।
कनाडा स्थित आव्रजन सलाहकार ने छात्रों को क्या सलाह दी है
टोरंटो स्थित आव्रजन सलाहकार मेहबूब राजवानी ने कहा कि ये कदम कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश को नियंत्रित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों के प्रवेश पर सीमा और सख्त वित्तीय नियमों से ऐसे छात्रों को अलग किया जा सकेगा जो वास्तव में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं।
साथ ही, मेहबूब ने चेतावनी दी कि अगर छात्र नए नियमों का पालन नहीं करते, तो उनका वीजा रद्द किया जा सकता है।
कनाडा में हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का नामांकन काफी बढ़ा है, जिसमें भारतीय छात्रों का बड़ा हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, कनाडा में सबसे अधिक भारतीय छात्र रहते हैं, जहां 4.2 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं, जो अमेरिका में नामांकित 3.3 लाख से अधिक हैं।