नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी द्वारा INDIA ब्लॉक का नेतृत्व करने की इच्छा व्यक्त करने के बाद गठबंधन के कई नेताओं ने उनका समर्थन किया है। इसमें ताजा नाम राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव का भी जुड़ गया है। लालू ने पत्रकारों से कहा कि ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने देना चाहिए।
पत्रकारों ने जब ममता के नेतृत्व पर कांग्रेस की आपत्ति के बारे में पूछा तो लालू ने कहा कि ‘कांग्रेस के विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ेगा…उन्हें (ममता) इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने देना चाहिए।’
इससे पहले लालू प्रसाद के बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि उन्हें ‘ममता बनर्जी सहित इंडिया गुट के किसी भी वरिष्ठ नेता के गठबंधन का नेतृत्व करने पर कोई आपत्ति नहीं है।’ साथ ही तेजस्वी यादव ने इस पर जोर दिया था कि कोई भी निर्णय आम सहमति से होना चाहिए।
शिवसेना (उद्धव गुट) भी ममता के समर्थन में!
शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुवेर्दी का भी बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के पूर्व के योगदान को पहचानते हुए इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की उनकी पेशकश महत्वपूर्ण है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘जो भी रुख अपनाया जाएगा, उस संबंध में इंडिया गुट सामूहिक रूप से निर्णय लेगा। ममता बनर्जी द्वारा रखा गया यह प्रस्ताव कि वह गुट का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं, एक महत्वपूर्ण सुझाव है। हमारा मानना है कि पूर्व में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है।’
वहीं, संजय राउत ने कहा था कि कोई भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े नहीं कर रहा है। राउत ने कहा था, ‘अगर टीएमसी, लालू प्रसाद यादव या अखिलेश यादव जैसे सहयोगियों की इंडिया ब्लॉक के बारे में अलग-अलग राय है, तो इसे सुनना जरूरी है। यह गठबंधन सामूहिक रूप से बनाया गया था और अगर किसी के पास इसे मजबूत करने के लिए नए विचार हैं, तो उन पर विचार किया जाना चाहिए।’
INDIA ब्लॉक की मुश्किलें और घेरे में कांग्रेस
इससे पहले एनसीपी (शरद पवार) गुट से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था कि अगर ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन में बड़ी भूमिका निभाएं तो उन्हें खुशी होगी। एएनआई से बात करते हुए सुले ने कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इंडिया ब्लॉक का अहम हिस्सा हैं।
इन चर्चाओं और बयानों के बीच मंगलवार शाम अरविंद केजरीवाल और शरद पवार के बीच बैठक होनी है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व पर भी चर्चा हो सकती है। संभव है कि इस पर नेतृत्व पर आम आदमी पार्टी (आप) का रुख भी जल्द सामने आ सकता है। हरियाणा चुनाव में में कांग्रेस ने ‘आप’ के साथ गठबंधन से इनकार किया था। कांग्रेस की करारी हार हुई। अब दिल्ली में अगले साल चुनाव है और संभव है कि दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ती नजर आएंगी।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की बात करें, तो वहां से नेतृत्व को लेकर कोई बयान नहीं आया है। हालांकि, महाराष्ट्र में पार्टी महा विकास अघाड़ी से बाहर आने का ऐलान कर चुकी है। गठबंधन की हार के बाद सपा ने जो रुख अपनाया, इससे साफ है कि वह राज्य में गठबंधन की परिस्थितियों से खुश नहीं थी। यूपी में सपा और कांग्रेस साथ जरूर हैं लेकिन हाल में उपचुनाव के दौरान आपसी खींचतान भी नजर आई थी।
जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद बुरा रहा था। पार्टी ने एनसीपी के साथ गठबंधन किया लेकिन केवल 6 सीटें जीत सकी। ऐसे में कांग्रेस के इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हाल में टीएमसी ने अदानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिका में आए मामले के मुद्दे को लेकर खुलकर कांग्रेस पर आरोप लगाए थे। टीएमसी का कहना था कि कांग्रेस अपनी मर्जी से गठबंधन को लेकर चलना चाहती है। टीएमसी ने अदानी ग्रुप के खिलाफ संसद में विरोध से भी दूरी बनाई थी। सपा ने भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन से दूर है।
INDIA ब्लॉक का नेतृत्व बदले जाने पर कांग्रेस की आपत्ति
ममता के इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने की इच्छा जताने के बाद कांग्रेस की ओर से आपत्तियां भी सामने आने लगी हैं। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी बंगाल तक ही सीमित है। अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में ममता बनर्जी की पार्टी और उनका व्यक्तित्व उतना बड़ा नहीं है।
दूसरी ओर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस दिन से अदानी के खिलाफ राहुल ने तेवर दिखाए है, उसी दिन से इंडिया अलायंस का नया रुख दिख रहा है। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे अभी इंडिया ब्लॉक के नेता है और जो लोग राहुल गांधी पर सवाल उठा रहे हैं उन्होंने अपने राज्यों में क्या किया उनको वो देखना चाहिए।