वॉशिंगटन: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी में से एक एप्पल पर अपने कर्मचारियों के निजी उपकरणों और उनके आई क्लाउड के खातों की अवैध रूप से निगरानी करने के आरोप में एक नया मुकदमा दर्ज हुआ है।
टेक कंपनी पर कर्मचारियों के उनके वेतन और काम करने की स्थिति पर चर्चा से भी रोकने के आरोप लगे हैं। एप्पल के लिए डिजिटल विज्ञापन में काम करने वाले अमर भक्त द्वारा कैलिफोर्निया में यह मुकदमा दायर किया गया।
अमर का दावा है कि कंपनी काम के लिए कर्मचारियों को उनके निजी उपकरणों पर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए मजबूर करती है। इससे टेक कंपनी को कर्मचारियों के ईमेल, फोटो लाइब्रेरी, स्वास्थ्य डेटा, स्मार्ट होम जानकारी और अन्य व्यक्तिगत विवरण तक पहुंच मिलती है जिसे वह निगरानी के लिए इस्तेमाल करती है।
एप्पल पर यह आरोप भी लगे हैं कि उसने सख्त गोपनीयता नियम लागू किए हैं, जो कर्मचारियों को उनकी कामकाजी परिस्थितियों के बारे में मीडिया से बात करने या कानूनी रूप से संरक्षित व्हिसलब्लोइंग करने से रोकते हैं।
टेक कंपनी के खिलाफ मुकदमे में अमर भक्त ने क्या आरोप लगाया है
साल 2020 से एप्पल के लिए काम कर रहे भक्त का कहना है कि कंपनी उन्हें किसी भी पॉडकास्ट में उनके काम को लेकर चर्चा करने से मना करती है। यही नहीं भक्त ने टेक कंपनी पर अपने लिंक्डइन प्रोफाइल से अपनी कामकाजी परिस्थितियों के बारे में जानकारियों को हटाने का भी आरोप लगाया है।
मुकदमा कैलिफोर्निया के एक अनोखे कानून के तहत दायर किया गया था, जो कर्मचारियों को राज्य की ओर से अपने नियोक्ताओं पर मुकदमा करने की अनुमति देता है। इस कानून के तहत वसूले गए जुर्माने का 35 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों को मिलता है।
मुकदमे में कहा गया है कि एप्पल की निगरानी नीति न केवल कर्मचारियों की गोपनीयता का उल्लंघन करती है, बल्कि उनके बोलने, मुखबिरी करने, नौकरी बाजार में स्वतंत्र रूप से प्रतिस्पर्धा करने और बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार को भी छिन लेती है।
आरोपों पर एप्पल ने क्या कहा है
एप्पल ने इन आरोपों को नकारते हुए मुकदमे में कोई ठोस आधार न होने की बात कही है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कर्मचारियों को उनकी कामकाजी परिस्थितियों पर चर्चा करने के अधिकारों के बारे में हर साल प्रशिक्षण दिया जाता है।
यही नहीं कंपनी ने यह भी कहा है कि एप्पल का ध्यान अपनी टीमों द्वारा बनाए गए नवाचारों की रक्षा करते हुए सबसे अच्छे उत्पाद बनाने पर है। भक्त के वकील दो और महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व कर रहे जो एप्पल के खिलाफ जून में मुदकमा दायर किया है।
इन मुकदमे में कंपनी पर इंजीनियरिंग, मार्केटिंग और एप्पल केयर डिवीजनों में महिला कर्मचारियों को कम वेतन देने के आरोप लगाए गए थे। कंपनी ने वेतन में भेदभाव के दावों का खंडन किया है और कहा है कि वह समावेशन और भुगतान इक्विटी के लिए प्रतिबद्ध है।
एप्पल के खिलाफ अमेरिकी श्रम बोर्ड में कई अन्य शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें कंपनी पर लिंग और वेतन भेदभाव जैसे मुद्दों पर चर्चा करने से कर्मचारियों को अवैध रूप से हतोत्साहित करने का आरोप है। इन शिकायतों में यह भी कहा गया है कि कंपनी ने सोशल मीडिया और कार्यस्थल मैसेजिंग ऐप्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।