अमृतसर: पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता सुखबीर सिंह बादल को मंगलवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के गेट पर सजा के तौर पर बैठाया गया। उनके गले में एक तख्ती टंगी थी, जिस पर गुरबानी के श्लोक लिखे थे और उनके हाथ में एक भाला था। यह सजा उन्हें सिख उच्च धर्मगुरुओं (पंज सिंह साहिबान) द्वारा धार्मिक कदाचार (तनखैया) के दोषी ठहराने के बाद दी गई।
क्या है मामला और किसे क्या सजा मिली?
यह सजा सुखबीर सिंह बादल और उनकी पार्टी को 2007-2017 के दौरान शिरोमणि अकाली दल सरकार के कथित “धार्मिक कदाचार” के लिए दी गई। इन गलतियों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 2007 में माफी देना और 2015 में हुई बेअदबी की घटनाओं पर उचित कार्रवाई न करना, संगत के पैसे से विज्ञापन देना शामिल है।
सजा सुनाने से पहले सिंह साहिबान ने सुखबीर सिंह बादल और अन्य नेताओं से सवाल पूछे, जिनमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार किया। पांच सिंह साहिबान द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार, दोषी पाए गए अकाली मंत्रियों और नेताओं को दरबार साहिब में पांच दिनों तक प्रतिदिन एक घंटे बाथरूम और शौचालय साफ करने, एक घंटे बर्तन धोने, एक घंटे कीर्तन सुनने और रोजाना सुखमनी साहिब का पाठ करने का आदेश दिया गया है।
इस दौरान सुखबीर सिंह बादल से गुरमीत सिंह राम रहीम को माफी देने, उसके माफीनामे को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किए गए शिरोमणि कमेटी के पैसे, अधिकारियों को प्रमोशन देने और कथित फर्जी एनकाउंटर में निर्दोष युवाओं को मारने वाले परिवारों को टिकट देने के आरोपों पर सवाल किए गए। इन सभी सवालों के जवाब सुखबीर सिंह बादल ने “हां जी” में दिया।
इसके साथ ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल को दिया गया ‘फख्रे कौम’ का खिताब भी वापस ले लिया गया। इसके अलावा, अकाली दल की कोर कमेटी को सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार करने और छह महीनों के भीतर नई नियुक्तियां कर पदाधिकारियों का चुनाव करने के लिए अकाल तख्त साहिब से आदेश दिया गया है।
#WATCH | Punjab: Shiromani Akali Dal President Sukhbir Singh Badal arrives at Golden Temple in Amritsar with a plaque around his neck following the religious punishment pronounced for him by Sri Akal Takht Sahib yesterday.
The punishment includes a directive to perform as a… pic.twitter.com/4no3IstT9N
— ANI (@ANI) December 3, 2024
दो गुटों में बांटी गई सजा
अकाल तख्त साहिब से सजा का ऐलान करते हुए ज्ञानी रघुबीर सिंह और अन्य सिंह साहिबान ने पहले उन नेताओं को अलग किया जिन्होंने सुखबीर सिंह बादल के साथ अपने अपराध स्वीकार किए थे। इसके बाद दूसरे गुट में उन नेताओं को खड़ा किया गया जिन्होंने उस समय इन फैसलों पर चुप्पी साधी, समर्थन दिया और अपने पदों का लाभ उठाया। पहले गुट में जिन नेताओं ने सुखबीर सिंह बादल के साथ अपने अपराध स्वीकार किए, उनमें सुखदेव सिंह ढींडसा, सुच्चा सिंह लंगाह, हीरा सिंह, बलविंदर सिंह भुंदर, दलजीत सिंह चीमा और गुलजार सिंह रणिके के नाम शामिल हैं।
ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि ये सभी 3 दिसंबर से दोपहर 12 से 1 बजे तक बाथरूम की सफाई करेंगे, इसके बाद स्नान करके लंगर की सेवा करेंगे, फिर नितनेम और सुखमनी साहिब का पाठ करेंगे। इसके अलावा, उनके गले में तख्ती भी डाली गई।
ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि चूंकि सुखबीर सिंह बादल की टांग में चोट लगी हुई है और सुखदेव सिंह ढींडसा बुजुर्ग हैं, इस कारण वे ऊपर बताई गई सजा पूरी नहीं कर सकते। इसलिए ये दोनों दो दिन एक घंटे के लिए गुरु घर की ड्योढ़ी के बाहर सेवादार वाला चोला पहनकर हाथ में बरछी पकड़े सेवा करेंगे। इस तरह वे केसगढ़ साहिब, दमदमा साहिब, फतेहगढ़ साहिब और मुक्तसर साहिब में सेवा करेंगे।
दूसरे गुट को सजा
इसके अलावा, ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि जिन्होंने इन फैसलों का समर्थन किया, चुप्पी साधी और पदों का लाभ लिया, उनमें बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बिक्रम सिंह मजीठिया, सुरजीत सिंह, महेशंदर सिंह, सरबजीत सिंह, सोहन सिंह ठंडल, चरणजीत सिंह और आदेश प्रताप सिंह शामिल हैं, उन्हें एक घंटा दरबार साहिब के प्रत्यक्ष अधीन बाथरूम की सफाई करनी होगी।
इसके अलावा, ये पांच लोग अपने नगर, शहर या नजदीकी गुरुद्वारों में रोजाना एक घंटा बर्तन धोने, लंगर सेवा, जोड़े साफ करने की सेवा करेंगे। सच्चे सौदे संबंधित इश्तिहारों के लिए इस्तेमाल किए गए शिरोमणि कमेटी के पैसों को ब्याज समेत भरपाई करने का भी आदेश दिया गया।
अकाली दल का फिर से होगा गठन
अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल के अन्य नेताओं से भी 15 दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। अकाली दल के सारे ‘बागी और दागी’ गुट खत्म किए गए हैं, अकाली दल की भर्ती फिर से की जाएगी और 6 महीनों के अंदर नई चुनाव करवाई जाएगी। अकाली दल की नई भर्ती के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें शिरोमणि कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी, गुरप्रताप सिंह वडाला, मनप्रीत सिंह इयाली, इकबाल सिंह झूंडा और सतवंत कौर (पुत्री अमरीक सिंह) को शामिल किया गया है।