वॉशिंगटन: अमेरिका तीन वर्षों में चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग पर तीसरे दौर का प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। इस संबंध में सोमवार को कोई घोषणा होने की उम्मीद जताई जा रही। यह बैन चिप उपकरण निर्माता नौरा टेक्नोलॉजी ग्रुप सहित 140 से अधिक चीनी कंपनियों को लक्षित करेगा।
इस बैन का उद्देश्य चीन के उन्नत चिप्स के विकास को धीमा करना है, खासकर एआई और सैन्य उपयोग में आने वाले चिप्स, जिन्हें अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये नए प्रतिबंध चीन की महत्वपूर्ण चिप्स तक पहुंच और उत्पादन को सीमित करने के लिए बाइडन प्रशासन के अंतिम बड़े पैमाने के प्रयासों में से एक हैं।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संभावित शपथ ग्रहण के बाद भी इस बैन के जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिका अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करना चाहता है। नए प्रतिबंधों में निर्यात नियंत्रण होंगे, जो 140 से अधिक चीनी कंपनियों को प्रभावित करेंगे, जिनमें पियोटेक और सीकैरियर टेक्नोलॉजी जैसे चिप उपकरण निर्माता भी शामिल हैं।
चीन के इन सेमीकंडक्टर कंपनियों पर पड़ेगा असर
इसके अलावा, हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (एचबीएम) चिप्स के शिपमेंट, जो एआई और अन्य हाई-एंड ऐप्लिकेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं, भी प्रतिबंधित किए जाने की संभावना है।
अमेरिका चीन में कुछ चिप कारखानों को अमेरिकी, जापानी और डच कंपनियों द्वारा उत्पादित चिप निर्माण उपकरणों के निर्यात को नियंत्रित करने के लिए अपने अधिकार का विस्तार भी करेगा। यह विशेष रूप से 16 चीनी कंपनियों को लक्षित करेगा जो चीन की उन्नत चिप निर्माण क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
लैम रिसर्च, केएलए और एप्लाइड मैटेरियल्स जैसे प्रमुख अमेरिकी चिप उपकरण निर्माता, साथ ही एएसएमएल जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इन प्रतिबंधों से प्रभावित हो सकते हैं।
हालांकि इजराइल, मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे देशों में बने उपकरण अभी भी इन नियमों के अधीन होंगे, जबकि जापान और नीदरलैंड को छूट मिलेगी।
अमेरिका के तीसरे दौर के बैन पर चीन ने क्या कहा है
चीन ने अमेरिका की इन कार्रवाइयों का कड़ा विरोध किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि ये बैन वैश्विक व्यापार व्यवस्था को कमजोर कर सकते हैं और आपूर्ति श्रृंखलाएं इससे प्रभावित हो सकती है।
चीन ने अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में अपनी कंपनियों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने की बात कही है।