नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों (अप्रैल से नवंबर) में 447.73 मिलियन डॉलर के जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात किया है। पिछले पूरे वित्त वर्ष में देश ने 494.80 मिलियन डॉलर के जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात किया गया था। इस कारण उम्मीद लगाई जा रही है कि चालू वित्त वर्ष में जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात पिछले साल के आंकड़े को पार कर लेगा।
जैविक खाद्य उत्पादों के निर्यात की बढ़ती मांग
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 25 नवंबर तक जैविक खाद्य उत्पाद निर्यात की कुल मात्रा 263,050 मीट्रिक टन (एमटी) तक पहुंच गई। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि वित्त वर्ष 24 में जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात 494.80 मिलियन डॉलर था।
मंत्रालय ने जैविक उत्पादों के उत्पादन के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कोई विशिष्ट निधि आवंटित नहीं की है। हालांकि, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) जैविक खाद्य उत्पादों के निर्यातकों सहित अपने सदस्य निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
एपीडा का अहम योगदान
एपीडा राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) लागू कर रहा है। इस प्रोग्राम में प्रमाणन निकायों की मान्यता, जैविक उत्पादन के लिए मानक, जैविक खेती और विपणन को बढ़ावा देना आदि शामिल है। भारत में राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत जैविक प्रमाणित प्रसंस्करण इकाइयों की कुल संख्या 1,016 है।
सितंबर में एपीडा ने ग्लोबल रिटेल चेन लुलु ग्रुप इंटरनेशनल (एलएलसी) के साथ साझेदारी की घोषणा की। इसके तहत वह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अपने स्टोरों में प्रमाणित भारतीय जैविक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित करेगा।
एपीडा भारत में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी), सहकारी समितियों और लुलु समूह सहित जैविक उत्पादकों के बीच कनेक्शन की सुविधा प्रदान करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय जैविक उत्पाद व्यापक वैश्विक लोगों तक पहुंचें।
यह अथॉरिटी भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। एजेंसी विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियां आयोजित करने, नए संभावित बाजारों की खोज करने और प्राकृतिक, जैविक और भौगोलिक संकेत (जीआई)-टैग किए गए कृषि-उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर काम करती है।
(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)