नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को साफ संदेश दे दिया है कि वह अदानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिका में लगे आरोपों पर संसद में हंगामे और उसे बाधित करने के पक्ष में नहीं है। तृणमूल ने सोमवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में बुलाई गई ‘INDIA’ ब्लॉक की मीटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि वह संसद में छह प्रमुख मुद्दे उठाना चाहती है। इनमें महंगाई, बेरोजगारी, धन की कमी और मणिपुर में अशांति जैसी बातें शामिल हैं। सूत्र के अनुसार, ‘लेकिन कांग्रेस चाहती है कि केवल अदानी मुद्दे पर दबाव बनाया जाए। इसलिए, तृणमूल आज इंडिया फ्लोर लीडर्स की बैठक में शामिल नहीं हुई है।’
हम इंडिया ब्लॉक की मीटिंग में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं: तृणमूल सूत्र
तृणमूल सूत्र ने यह भी कहा कि वह इंडिया ब्लॉक में एकमात्र पार्टी है जो कांग्रेस की चुनावी भागीदार नहीं है। सूत्र ने कहा, ‘इसलिए पार्टी में यह भावना है कि जब हमारे शीर्ष बिंदु एजेंडे में नहीं हैं तो हम इंडिया ब्लॉक की मीटिंग में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं हैं।’
इससे पहले तृणमूल महासचिव और पार्टी के नंबर दो नेता अभिषेक बनर्जी ने भी स्पष्ट कर दिया था कि शीतकालीन सत्र के दौरान पार्टी बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देगी। अभिषेक बनर्जी ने कहा था, ‘हमारा रुख बहुत स्पष्ट है। हम पहले बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। केंद्र ने बंगाल का बकाया रोका हुआ है। हम इन मुद्दों पर संसद में चर्चा चाहते हैं। जाकर कांग्रेस से पूछिए। मैंने कहा है कि हम बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। उनका क्या रूख है?’
वरिष्ठ तृणमूल सांसद काकोली घोष दस्तीदार भी कह चुकी हैं कि पार्टी नहीं चाहती कि संसद बाधित हो। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि संसद चले। हम सिर्फ एक मुद्दे पर सदन को बाधित नहीं करना चाहते। हम इस सरकार को कई मामलों में जवाबदेह ठहराएंगे।’
कांग्रेस सांसद ने दिया था अदानी मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव
बता दें कि कांग्रेस मांग कर रही है कि अदानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग पर चर्चा के लिए सदन में कामकाज निलंबित किया जाए। सोमवार सुबह भी कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अदानी मामले पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
हालांकि, कांग्रेस सहित कुछ और दलों के सांसदों ने चक्रवात फेंगल के कारण हुए नुकसान, एक मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा, बांग्लादेश में इस्कॉन सदस्यों को निशाना बनाने और पंजाब में धान खरीद में देरी जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की।