ढाका/कोलकाताः बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अशांति ने पड़ोसी देश से बांग्लादेश और बंगाल के बीच उड़ानों और ट्रकों की आवाजाही को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कोलकाता हवाई अड्डा अधिकारियों के अनुसार, नवंबर में कोलकाता और ढाका के बीच उड़ानों की संख्या जुलाई के मुकाबले आधी रह गई है, जबकि यात्रियों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है।
द टेलिग्राफ के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि जुलाई में बांग्लादेश से कोलकाता आने वाली 205 उड़ानें थीं, और कोलकाता से बांग्लादेश जाने वाली भी इतनी ही उड़ानें थीं। इस दौरान यात्रियों की संख्या 21,234 रही, जबकि 21,001 यात्रियों ने कोलकाता से बांग्लादेश की उड़ान भरी थी। वहीं, नवंबर में बांग्लादेश से केवल 96 उड़ानें कोलकाता पहुंची, जिनमें 10,121 यात्री सवार थे। वहीं, कोलकाता से ढाका जाने वाली उड़ानों की संख्या 97 रही, जिसमें 12,736 यात्री सवार थे।
एयरलाइनों ने घटाई उड़ानों की संख्या
रिपोर्ट के अनुसार, कई एयरलाइनों ने अपनी उड़ानों में कमी की है। इंडिगो की पहले रोजाना दो उड़ानें निर्धारित थी, लेकिन 10 अक्टूबर से पहले दिन दो और अगले दिन एक उड़ान हो गई हैं। वहीं बिमान बांग्लादेश ने 10 अगस्त से अपनी दैनिक उड़ानों की संख्या घटाकर एक कर दी है। यूएस-बांग्ला एयरलाइंस ने भी 17 अगस्त से अपनी तीन उड़ानों को घटाकर एक कर दिया है और छोटे ATR विमान का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
एयरलाइन अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश में अगस्त में शुरू हुई पहली अशांति के बाद से यात्रियों की संख्या में काफी गिरावट आई है। अक्टूबर के मध्य में कुछ सुधार हुआ, लेकिन फिर से हुई हिंसा ने यात्रियों की संख्या को और घटा दिया। एक एयरलाइन अधिकारी ने बताया, “अगर यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ी, तो यह मार्ग अब व्यवहार्य नहीं रहेगा।”
बांग्लादेशी नागरिकों की यात्रा पर प्रतिबंध
कोलकाता में इलाज कराने आए कई बांग्लादेशी नागरिकों ने बताया कि भारत द्वारा चिकित्सा और पर्यटन वीजा पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण उनके रिश्तेदारों का आना मुश्किल हो गया है। इसका असर स्थानीय व्यापारों पर भी पड़ा है। मारक्विस स्ट्रीट, फ्री स्कूल स्ट्रीट, सड्डर स्ट्रीट और न्यू मार्केट क्षेत्र में दुकानों की संख्या में कमी आई है, जो पहले बांग्लादेशी पर्यटकों से भरी रहती थीं। अब ये इलाके लगभग सुनसान हो गए हैं।
चिन्मय दास की गिरफ्तारी का भी असर
बांग्लादेश में हो रही अशांति का असर सीमा पर भी पड़ा है। क्लीयरिंग एजेंटों और ट्रक मालिकों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में सीमा पार करने वाली ट्रकों की संख्या लगभग आधी हो गई है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा हिंदू उपदेशक चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, जिसके कारण व्यापार प्रभावित हुआ है।
बांग्लादेश के गोजडांगा भूमि सीमा बंदरगाह से रोजाना 150-200 ट्रक बांग्लादेश जाते हैं, जबकि सामान्य स्थिति में यह संख्या 350-400 ट्रक होती है। पेट्रापोल, बांग्लादेश का सबसे बड़ा भूमि बंदरगाह भी इस समय ट्रकों से भरा हुआ है, जहां 26 नवंबर से लंबी कतारें लगी हैं।
निर्यातकों और आयातकों के बीच असुरक्षा का माहौल बढ़ गया है। बांग्लादेश में बढ़ती महंगाई और अमेरिकी डॉलर की कीमतों में उछाल ने व्यापार को प्रभावित किया है। एक निर्यातक ने बताया, “बांग्लादेशी आयातक यह नहीं जान पा रहे कि उनके वितरक सामान प्राप्त करेंगे या नहीं, और अगर लेटर ऑफ क्रेडिट अस्वीकृत हो गया तो निर्यातक क्या कर सकते हैं।” रविवार को अमेरिकी डॉलर की कीमत 120 बांगलादेशी टाका तक पहुंच गई थी।
सीमा चौकियों पर स्थिति निराशाजनक
हिली, चांगरबंधा और महदीपुर जैसे सीमा चौकियों पर भी स्थिति निराशाजनक रही। हिली में शनिवार को सिर्फ 60 ट्रक बांग्लादेश गए, जबकि सामान्य संख्या 150 थी। महदीपुर में 170 ट्रक गए, जबकि सामान्य संख्या 300-350 थी। ट्रक मालिक और निर्यातक अब व्यापार को लेकर संकोच कर रहे हैं और सीमा पार भेजने के लिए ट्रक मालिकों से वाहन लेने में हिचकिचा रहे हैं।