नई दिल्लीः नैसकॉम ने शुक्रवार को भारत में एक जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए डेवलपर्स प्लेबुक को पेश किया। यह प्लेबुक डेवलपर्स को देश में एआई डेवलपमेंट, स्थापना और इस्तेमाल को लेकर जोखिमों की पहचान कर उन्हें कम करने में मददगार होगी।
नई दिल्ली में कॉन्फ्लुएंस फॉर रिस्पॉन्सिबल इंटेलिजेंस (आरआईसीओएन) के उद्घाटन संस्करण में लॉन्च की गई यह प्लेबुक तेजी से विकसित हो रहे एआई रिस्क मैनेजमेंट लैंडस्कैप को नेविगेट करने में डेवलपर्स के सामने आने वाली चुनौतियों के बीच आई है।
प्लेबुक सरकार और नैसकॉम का साझा सहयोग
प्लेबुक भारत सरकार और नैसकॉम के एक साथ सहयोग से एआई से जुड़े जोखिमों की पहचान करने और उन्हें कम करने को लेकर एक इंडस्ट्री फ्रेमवर्क की स्थापना को लेकर अहम है। आईटी इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि उद्योग, सरकार, शिक्षा और नागरिक समाज के भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विषय विशेषज्ञों और हितधारकों के एक समूह ने प्लेबुक की “कठोर समीक्षा और सत्यापन” किया है।
यह जिम्मेदार एआई के लिए एक संतुलित और अच्छी तरह से समर्थित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो देश के हितों और सामाजिक कल्याण के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है।
प्लेबुक कैसे काम करेगी
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा, “यह प्लेबुक इनोवेटर्स को संभावित जोखिमों की पहचान करने, बेस्ट प्रैक्टिस के साथ तालमेल बिठाने और एआई विकास और स्थापना के लिए जिम्मेदार एआई पद्धतियों को अपनाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करती है।”
इंडिया एआई मिशन के सीईओ सिंह ने कहा कि “प्लेबुक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क में सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करती है।”
प्लेबुक डेवलपर्स को प्रैक्टिकल फ्रेमवर्क के साथ एआई के सिद्धांतों को लागू करने में मददगार होगी। नैसकॉम के एआई प्रमुख अंकित बोस ने कहा, “यह उद्योग हितधारकों के बीच जिम्मेदार एआई प्रैक्टिस को आगे बढ़ाने के लिए नैसकॉम जिम्मेदार एआई हब के चल रहे प्रयासों पर आधारित है।”
(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)