नई दिल्ली: रूस भारत में रेलवे सेक्टर और उसके कलपुर्जों के निर्माण में निवेश करने के साथ इसके विस्तार के लिए भी काम करने में इच्छा जाहिर की है। मंगलवार को रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पिछले हफ्ते रूसी रेलवे कंपनी टीएमएच (ट्रांसमैशहोल्डिंग) ने इस योजना को लेकर अपनी रुचि दिखाई थी।
भारत में रेलवे क्षेत्र में रूसी निवेश से जुड़े एक सवाल पर बोलते हुए एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा है कि रूस में घरेलू मांग बहुत बड़ी है जिसे देखते हुए वे यहां पर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं। रूस अपनी घरेलू मांगों को पूरा करने के लिए भारत से आपूर्ति लेना चाह रहा।
टीएमएच के सीईओ ने भारतीय ब्याज दरों के बारे में क्या कहा
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीएमएच ने हाल ही में भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में रुचि व्यक्त की है। मॉस्को में कंपनी के मुख्यालय में भारतीय पत्रकारों से बात करते हुए टीएमएच के सीईओ किरिल लीपा ने भारत में अनुकूल ब्याज दरों को एक प्रमुख कारक के रूप में रेखांकित किया।
लीपा ने भारत और रूसी बाजार दोनों के लिए घटकों की आपूर्ति करने में सक्षम कई उत्पादन इकाइयों में निवेश करने की कंपनी की तैयारी के बारे में जानकारी दी।
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भारतीय रेलवे के साथ किनेट रेलवे सॉल्यूशंस पहले से कर रहा काम
टीएमएच पहले से ही अपनी सहायक कंपनी किनेट रेलवे सॉल्यूशंस के माध्यम से भारतीय रेलवे के साथ जुड़ा हुआ है। कंपनी के पास 55 हजार करोड़ का अनुबंध है।
इस परियोजना के तहत किनेट रेलवे सॉल्यूशंस और भारतीय रेलवे के बीच 35 सालों में 1920 वंदे भारत स्लीपर कोचों का उत्पादन और इसके दीर्घकालिक रखरखाव के लिए करार हुआ है।
लीपा ने पुष्टि की कि टीएमएच परियोजना के लिए भारत और अन्य देशों से घटकों की सोर्सिंग कर रहा है और इस बात पर जोर दिया कि रूस पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से इन सहयोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।