नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप-4) के तहत सख्त पाबंदिया लागू है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्तियों में ढील देने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने सुझाव दिया कि एनसीआर में स्कूलों को भौतिक कक्षाएं फिर से शुरू करने पर विचार किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया कि वह स्कूलों को खोलने के लिए नियमों में ढील देने पर विचार करे। कोर्ट ने आयोग को इस बात पर विचार करने के लिए कहा कि जो छात्र मिड-डे मील और ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, या जिनके पास एयर प्यूरीफायर जैसी सुविधाएं नहीं हैं, उनके लिए क्या किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लगातार सुधार के बाद ही प्रतिबंध हटेंगे
ग्रैप-4 में फिजिकल कक्षाओं के लिए छूट की बात कही गई, लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि ग्रैप-3 और ग्रैप-2 से नीचे के प्रतिबंध तभी हटाए जाएंगे, जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में लगातार सुधार देखने को मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के दौरान श्रमिकों के भरण-पोषण के लिए श्रम उपकर का उपयोग करने का निर्देश दिया। फिलहाल स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने के लिए कहा गया है, और प्रबंधन को माता-पिता को तुरंत सूचित करने के लिए कहा गया है।
आदेशों का पालन नहीं करने पर अदालत ने दिल्ली सरकार, पुलिस को फिर लगाई फटकार
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार, पुलिस और अन्य जिम्मेदार एजेंसियों पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि ग्रैप-4 के तहत ट्रकों की दिल्ली में एंट्री रोकने के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने पूछा कि कितनी चेकपोस्ट्स की जांच की गई। वकील ने बताया कि 83 चेकपोस्ट की जांच हुई, लेकिन यह प्रभावी नहीं थी।
दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि कई स्तर के कर्मचारी तैनात थे, लेकिन ट्रक ड्राइवरों को निर्देशों की जानकारी नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि 18-23 नवंबर के बीच ग्रैप-4 के दिशानिर्देशों का सही पालन नहीं हुआ। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि सिर्फ 13 चेकपोस्ट पर ही जांच क्यों हो रही है और कार्रवाई के संकेत दिए।
पिछली सुनवाई में भी अदालत ने दिल्ली सरकार और पुलिस को पाबंदियों को सख्ती से लागू नहीं करने पर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पूछा था कि 113 चेक पोस्ट पर सिर्फ 13 जगह ही सीसीटीवी क्यों लगे हैं।
गौरतलब है सोमवार सुबह दिल्ली का AQI 300 से नीचे आया है, लेकिन यह अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। विशेषज्ञ अभी भी प्रदूषण के संपर्क से बचने की सलाह दे रहे हैं।