मुंबई: महाराष्ट्र की अणुशक्ति नगर विधानसभा चुनाव में इस बार एक दिलचस्प और कड़ा मुकाबला देखने को मिला। इस सीट पर अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद ने एनसीपी (शरद पवार) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें एनसीपी (अजित पवार) की उम्मीदवार सना मलिक से हार का सामना करना पड़ा।
सना मलिक ने 19 राउंड की गिनती के बाद फहाद को 3,378 वोटों से हराया। अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण सीट रही है। इस सीट पर पहले भी मुकाबला काफी कड़ा रहा है। वर्ष 2009 के बाद से यहां शिवसेना और नवाब मलिक के बीच तगड़ा मुकाबला देखने को मिला था।
साल 2014 में नवाब मलिक को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2019 में उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद जब नवाब मलिक को जेल भेज दिया गया, तो उनके राजनीतिक वारिस के रूप में उनकी बेटी सना मलिक ने इस सीट से चुनाव लड़ा।
सना मलिक की राजनीतिक पृष्ठभूमि?
सना मलिक नवाब मलिक की बेटी हैं। 36 साल की सना मलिक पेशे से एक आर्किटेक्ट हैं और उच्च शिक्षित हैं। उनके पास बिजनेस का भी अच्छा अनुभव है। वह लंबे समय से महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में सक्रिय रही हैं और कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई थी।
सना की छवि एक सशक्त और जिम्मेदार नेता की रही है, और अब जब उन्होंने अणुशक्ति नगर विधानसभा से चुनाव जीत लिया है, तो यह उनके राजनीतिक करियर की नई शुरुआत मानी जा रही है।
सना ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने पिता नवाब मलिक की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। नवाब मलिक की लोकप्रियता और उनकी मेहनत का प्रभाव चुनावी परिणामों पर साफ नजर आया।
इस चुनाव में उनकी जीत न सिर्फ उनके व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम है, बल्कि यह उनके परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि का भी परिणाम है। सना ने इसे अपने कार्यों और संजीदगी से साबित किया कि वह किसी से कम नहीं हैं और आने वाले समय में वह अपने क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नेता बनकर उभर सकती हैं।
सना मलिक की राजनीति में नई शुरुआत
इस चुनाव में सना मलिक की जीत ने उन्हें अणुशक्ति नगर विधानसभा की नई विधायक बना दिया है। उनकी कड़ी मेहनत, राजनीतिक समझ और नवाब मलिक की विरासत को आगे बढ़ाने का सपना आखिरकार सच हो गया।
सना की राजनीतिक दूरदर्शिता और पारिवारिक पृष्ठभूमि से उन्हें एक मजबूत नेतृत्वकर्ता बनने में मदद मिली। यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम है, बल्कि यह उनकी पारिवारिक राजनीति की सफलता का प्रतीक भी है।
सना की यह जीत न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में बल्कि पूरे देश में एक संदेश देती है कि राजनीति में परिवार की विरासत और कड़ी मेहनत का संगम कितना महत्वपूर्ण होता है। आने वाले समय में सना मलिक राजनीति के एक बड़े नाम के रूप में उभर सकती हैं, और उनका यह चुनावी सफर निश्चित रूप से उनके लिए एक बड़ी सफलता है।
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फहाद अहमद की हार और स्वरा भास्कर की प्रतिक्रिया
स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद को चुनावी नतीजे आने के बाद हार का सामना करना पड़ा। स्वरा भास्कर और उनके पति फहाद अहमद ने अपने-अपने एक्स हैंडल पर ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया। दोनों ने कहा कि कुछ मशीनों की बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी जबकि उनसे दिनभर मतदान हुआ था।
स्वरा और फहाद ने दावा किया कि 99 प्रतिशत चार्ज बैटरी वाली ईवीएम की गिनती में हुई सना मलिक को लीड मिली। स्वरा ने यह भी आरोप लगाया कि जैसे ही मशीनें चार्ज हुईं, अचानक एनसीपी को अधिक वोट मिलने लगे, जो कि उन्होंने परोक्ष रूप से बीजेपी समर्थित वोटों के रूप में देखा।