रांचीः झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की फिर वापसी होने जा रही है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस, राजद और सीपीआई (एमएल) गठबंधन ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है।
झारखंड में इंडिया गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलावा कांग्रेस, राजद और वाम दल हैं। वहीं भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में आजसू, जदयू और एलजेपी शामिल हैं। 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है।
चुनाव आयोग के अनुसार, इस सत्तारूढ़ गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है जो बहुमत के न्यूनतम आंकड़े 41 से 15 सीटें ज्यादा है। वहीं भाजपा नती एनडीए के हिस्से 24 सीटें आई हैं। झामुमो ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस ने 16 और राजद ने 4 सीटों पर कब्जा किया है। वहीं वामदल को 2 सीटें मिली हैं। भाजपा के हिस्से 21 सीटें आई हैं। वहीं आजसू, लोजपा (रामविलास), झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) और जदयू के हिस्से एक-एक सीट आई हैं।
इतिहास में पहली बार रिपीट होगी कोई सरकार
झारखंड के राजनीतिक इतिहास में यह पहला अवसर है, जब कोई सरकार लगातार दूसरी बार रिपीट होती हुई दिख रही है। 2019 के चुनावों में हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले गठबंधन ने 47 सीटें हासिल की थीं।
चुनाव परिणाम स्पष्ट होने के बाद हेमंत सोरेन ने एक एक्स पोस्ट में पत्नी कल्पना सोरेन को स्टार कैंपेनर करार दिया। उन्होंने X पर लिखा, “हमारे स्टार कैंपेनर का स्वागत है।” एक अन्य पोस्ट में जनता का आभार व्यक्त करते हुए लिखा- झारखण्ड जीत गया है….झारखण्ड की जनता का हार्दिक आभार और जोहार! आज इस ऐतिहासिक अवसर पर समस्त राज्यवासियों को अनेक-अनेक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार। जय झारखण्ड! जय जय झारखण्ड!
पार्टी | जीती | बढ़त | कुल सीटें |
---|---|---|---|
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) | 34 | 0 | 34 |
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) | 21 | 0 | 21 |
इंडियन नेशनल कांग्रेस (कांग्रेस) | 16 | 0 | 16 |
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) | 4 | 0 | 4 |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) | 2 | 0 | 2 |
आजसू पार्टी (एजेएसयूपी) | 1 | 0 | 1 |
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) | 1 | 0 | 1 |
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा | 1 | 0 | 1 |
जनता दल (यूनाइटेड) | 1 | 0 | 1 |
कुल | 81 | 0 | 81 |
झारखंड में बीजेपी के लिए नई रणनीति महंगी साबित हुई। पार्टी ने 11 नई सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन 2019 में जीती हुई 15 सीटें गंवा दीं, जिससे उसका प्रदर्शन कमजोर नजर आया। दूसरी ओर, हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने अपनी मजबूती साबित की। पार्टी ने 30 में से 26 सीटों को बरकरार रखा और 8 नई सीटों पर भी कब्जा किया। कांग्रेस ने भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 16 में से 11 सीटों को रिटेन किया और 5 नई सीटों पर जीत हासिल की। इन नतीजों में जेएमएम और कांग्रेस का स्थायित्व और नई सीटों पर उनकी बढ़त निर्णायक साबित हुई।
पार्टी | 2019 में सीटें जीतीं | 2024 में सीटें जीतीं | नई सीटें जीतीं | पुरानी गंवाई | सीटें बरकरार |
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बीजेपी | 25 | 21 | 11 | 15 | 10 |
झामुमो | 30 | 34 | 8 | 5 | 26 |
कांग्रेस | 16 | 16 | 5 | 5 | 11 |
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी को झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह चुनाव परिणाम अप्रत्याशित है, लेकिन लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि है। हम जनादेश का सम्मान करते हैं। भाजपा इन परिणामों की गहन समीक्षा करेगी।
चुनाव का ऐतिहासिक मतदान प्रतिशत
झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया। 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में हुए चुनावों में कुल 67.74 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें दूसरे चरण में 68.95 प्रतिशत वोटिंग हुई।
झारखंड की राजनीति में बदलाव
हेमंत सोरेन के जेल जाने और उनके इस्तीफे के बाद अस्थायी रूप से मुख्यमंत्री पद संभालने वाले चंपई सोरेन ने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया। हालांकि, 2019 के चुनाव में भाजपा को मोदी लहर के बावजूद झटका लगा था, और पार्टी को केवल 25 सीटें मिली थीं। झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन ने सरकार बनाई थी, जिसमें झामुमो को 30, कांग्रेस को 16, और राजद व सीपीएम को एक-एक सीटें मिली थीं।