सैन फ्रांसिस्को: चैटजीपीटी (ChatGPT) बनाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) क्या अब ब्राउजिंग और सर्च मार्केट में गूगल को चुनौती देगी? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है क्योंकि ओपनएआई वेब ब्राउजर विकसित करने पर विचार कर रही है। यह ब्राउजर इसके चैटबॉट के साथ काम करेगा और सर्च फीचर्स को सशक्त बनाने में अहम होगा। द इंफोर्मेशन ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार ओपनएआई ने सर्च प्रोडक्ट के बारे में कॉनडे नास्ट (Conde Nast), रेडफिन, इवेंटब्राइट और प्राइसलाइन जैसे वेबसाइट और ऐप डेवलपर्स के साथ बात भी की है।
यह कदम सैम अल्टमैन के नेतृत्व वाली कंपनी ओपनएआई को Google के सामने खड़ा कर सकता है। इंटरनेट पर ब्राउजिंग और सर्च मार्टेक में अभी गूगल की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और उसका एक तरह से इस पर प्रभुत्व कायम है। वैसे OpenAI पहले ही SearchGPT के साथ सर्च मार्केट में उतर चुका है।
गूगल की आने वाले दिनों में बढ़ेगी मुश्किलें!
Google की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) साल 2022 के अंत में चैटजीपीटी के लॉन्च के बाद से ही एआई फील्ड में खुद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। गूगल ने इसी क्रम में पिछले साल अपना खुद का जेनरेटिव एआई चैटबॉट ‘जेमिनी’ (Gemini) लॉन्च किया था।
वैसे गुरुवार को ओपनएआई से संबंधित जानकारी सामने आने के साथ अल्फाबेट के शेयर में गिरावट नजर आई थी। गुरुवार को शेयर करीब 5 प्रतिशत नीचे गिरकर बंद हुए थे।
ब्राउजिंग मार्केट में Google का प्रभुत्व भी अब अनिश्चित नजर आ रहा है। इसकी वजह अमेरिकी न्याय विभाग का वो तर्क है जिसमें उसने कहा है कि कंपनी को ऑनलाइन सर्च पर अपना एकाधिकार समाप्त करने के लिए अपना क्रोम ब्राउजर बेचना चाहिए।
दूसरी ओर ‘द इंफोर्मेशन’ की ओपनएआई से संबंधित रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी (ओपनएआई) ने सैमसंग द्वारा निर्मित डिवाइस पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फीचर्स के इस्तेमाल पर चर्चा की है। सैमसंग एक प्रमुख स्मार्टफोन निर्माता कंपनी है और Google का अहम व्यापारिक भागीदार भी है।
Apple के साथ है ओपनएआई की साझेदारी
ओपनएआई की पहले से ही Apple के साथ साझेदारी है। इसके तहत iPhone के नए डिवाइस पर ‘Apple इंटेलिजेंस’ फीचर्स OpenAI की तकनीक का इस्तेमाल करके संचालित होती हैं। हालांकि, इंफोर्मेशन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी OpenAI ब्राउजर लॉन्च करने के बिल्कुल भी करीब नहीं है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि Google, OpenAI और Samsung से इन रिपोर्ट्स पर टिप्पणी मांगी गई थी, लेकिन उनकी ओर से तत्काल कोई जवाब नहीं आया है।