वेस्ट दिल्ली के पश्चिम विहार में भारतीय जीवन बीमा निगम के मुलाजिमों की एलआईसी कॉलोनी। इसे आप एक मिडिल क्लास कॉलोनी कह सकते हैं। आज जब भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में सीरीज का पहला टेस्ट खेला जा रहा है, तब विराट कोहली के प्रदर्शन पर करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें हैं। उधर उनकी एलआईसी कॉलोनी के पड़ोसी और बचपन के दोस्तों की दुआएं उनके साथ हैं। विराट कोहली का बचपन यहां पर ही गुजरा है।
एलआईसी कॉलोनी में विराट का परिवार करीब 20 साल पहले डीडीए फ्लैट्स मादीपुर से शिफ्ट हुआ था। हालांकि उनका परिवार अब गुड़गांव के बंगले में शिफ्ट कर गया है और विराट मुंबई या लंदन में ही रहते हैं। विराट कोहली की 114 एलआईसी कॉलोनी, पश्चिम विहार वाला घर यहां का लैंडमार्क है।
विराट के घर की लोहड़ी-दिवाली
एलआईसी कॉलोनी वालों ने विराट को मोहल्ले के ग्राउंड में खेलने से लेकर सुपर स्टार बनते हुए देखा। यहां के कुछ लोग उसे उसके निक नेम चीकू से बुलाते हैं। एलआईसी कॉलोनी के घर को विराट के डैडी प्रेम कोहली ने ही बनवाया था। विराट के एक पड़ोसी एन. गुलाटी ने बताया कि विराट के परिवार की दिवाली और लोहड़ी बहुत मशहूर थी।
लोहड़ी का सारा कार्यक्रम उनके मम्मी-डैडी ही देखते थे। उसमें लोहड़ी से जुड़े लोकगीत गाए जाते थे। सारा मोहल्ला लोहड़ी में शिरकत करता था। पश्चिम विहार और इसके आसपास का सारा इलाका पंजाबी बहुल है। काफी धनी लोग इधर रहते हैं।
कैसे फेमस हुई एलआईसी कॉलोनी?
एलआईसी कॉलोनी फेमस हुई विराट के कारण। कहने वाले कहते हैं कि विराट जब तक यहां रहे इस एरिया की प्रॉपर्टी के भाव बढ़ते रहे। यहां पर उनके भाई विकास, भाभी और मां रहते थे। विराट की एक बहन भी है। नाम है भावना। उसकी शादी हो चुकी है।
विराट अगर घर में होते, तो मम्मी के हाथ के राजमा चावल विराट बार-बार ना खाए, यह कैसे हो सकता था। उन्हें मां के हाथ के बने राजमा-चावल से अच्छी डिश कुछ नहीं लगता। विराट के एक दोस्त सुनील ने बताया कि विराट जब घर में होता है तो वह लंच या डिनर के वक्त अपने कुछ दोस्तों को भी खाने के लिए बुला लेते। कभी अकेले में खाना नहीं खाते।
कोहली क्यों जाते हैं राजौरी मार्केट?
यहां पर रहते हुए ही विराट क्रिकेट खेलने और दूसरे कामों की वजह से लंबे समय तक घर से दूर रहने लगे थे। जब घर आते हैं तो मोहल्ले के बच्चों के साथ मैदान में दो-दो हाथ कर लेते। यहां पर खेलते हुए वे टेंपर लूज नहीं करते थे। इधर के दोस्त भी उनके घर पहुंच जाते हैं। उसके बाद राजौरी गार्डन मार्केट में घूमने के लिए निकले जाते हैं सब। विराट कई इंटरव्यू में राजौरी मार्केट के छोले कुलचे का जिक्र करते रहे हैं।
रिश्ता बिजनेस फैमिली से
विराट कोहली का संबंध राजधानी के एक सामान्य बिजनेस करने वाले परिवार से है। विराट के डैडी प्रेम कोहली और मां सरोज ने उन्हें अभावों के बावजूद हरसंभव आगे बढ़ने के अवसर दिए। आजकल शांत दिखने वाले विराट कोहली कुछ साल पहले तक काफी अलग थे। वे बात-बात पर आवेश में आ जाया करते थे।
एलआईसी कॉलोनी में रहते हुए ही 15 साल की उम्र में विराट ने पहली बार दिल्ली की ओर से पॉली उमरगिर ट्रॉफी में भाग लिया था। अंडर 19 टीम की कप्तानी कर चुके विराट का प्रदर्शन इतना शानदार रहा था कि उन्हें वर्ष 2008 में टीम इंडिया में जगह मिली।
अंकल जी-आंटी जी के चरण स्पर्श
एलआईसी कॉलोनी में रहते हुए उनके ऊपर लक्ष्मी की अपार कृपा रहने लगी थी। विराट कोहली 2011 की वर्ल्ड कप विजयी टीम इंडिया का सदस्य था। वर्ल्ड कप जीत कर वापस घर आया तो एलआईसी कॉलोनी के दोस्तों के साथ मस्ती करने लगा। उसके घर में ही यंग ब्रिगेड का जमावड़ा लगा।
विराट सुनाता और सुनते बाकी सब। अब उसके पास पैसा आ गया था। इसलिए खेल के बाद वो अपने दोस्तों को पश्चिम विहार की एच-9 की या फिर ज्वालाहेड़ी की मार्केट भी लेकर जाने लगा। वहां पर जाकर खाई जाती आइसक्रीम।
स्टारडम से कोसों दूर बसती है कोहली की दुनिया। वो यहां पर रहते हुए सुपर स्टाऱ बन गया था। पर वो एलआईसी कॉलोनी के किसी अंकल जी या आंटी जी के चरण स्पर्श करने से कभी पीछे नहीं हटा। अपनी तमाम उपलब्धियों के बावजूद विराट कोहली की विनम्रता अनुकरणीय है। वे बिशन सिंह बेदी के सार्वजनिक रूप से चरण स्पर्श करते थे।
दिल्ली क्रिकेट के केन्द्र फिरोजशाह कोटला मैदान में होने वाले कार्यक्रमों में विराट कोहली कई बार बेदी पाजी के चरण स्पर्श करते हुए देखे गए। उन्होंने यह मुकाम परिश्रम, साधना और पक्के इरादे से पाया था।
कोहली का पश्चिम विहार से बना हुआ है रिश्ता
शादी से पहले ही विराट कोहली ने अपनी मां, भाई और भाभी के साथ गुरुग्राम में शिफ्ट कर लिया था। वहां पर बना लिया किले जैसा घर पर उसका पश्चिम विहार से रिश्ता बना हुआ है। कोहली परिवार ने एलआईसी कॉलोनी का घर बेचा नहीं है। विराट कोहली की जीवनी ‘Driven- The Virat Kohli Story’ के लेखक विजय लोकापल्ली कहते हैं कि विराट कोहली के परिवार ने गुरुग्राम में शानदार कोठी बना ली है, पर वे अपने पिता के घर को अपने साथ ही रखना चाहते हैं।
विराट के परिवार ने एलआईसी कॉलोनी में सन 2010 में घर लिया था। विराट कोहली के लिए इस घर की सेंटिमेंटल वैल्यू है। इसी एड्रेस पर विराट कोहली के तमाम दोस्त और खत आएं हैं। विराट के एक पड़ोसी डी. जोशी कहते हैं कि विराट जब चुनौती बड़ी होती है तब रंग में आ जाता है। विराट बिग मैच प्लेयर है। वह सेमीफाइनल और फाइनल में अपनी मौजूदगी अवश्य दर्ज करता है।
कोहली को है वृंदावन, उज्जैन से लगाव
विराट जब क्रिकेट नहीं खेल रहे होते हैं या कहें कि फुर्सत में होते हैं, तो वे सपरिवार वृंदावन जाना पसंद करते हैं। विराट वृंदावन में श्री परमानंद जी का आशीर्वाद लेने जाते हैं। वे ऋषिकेश में दयानंद गिरि आश्रम में भी जाते हैं। दयानंद गिरि आश्रम में विराट और उनकी पत्नी अनुष्का कई बार यात्रा कर चुकी है। वो कुछ समय पहले उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने सुबह चार बजे भस्म आरती की और भगवान का आशीर्वाद लिया। विराट ने आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह में जाकर पंचामृत पूजन अभिषेक किया। विराट ने गले में रुद्राक्ष की माला भी धारण की।
विराट कोहली फिटनेस फ्रीक
दिल्ली क्रिकेट को बीते 50 सालों से देख रहे सैंडी गर्ग ने विराट कोहली की क्रिकेट को करीब से फोलो किया है। वे कहते हैं कि विराट की पर्सनेल्ट में बहुत बदलाव हुए हैं। वे अब फिटनेस फ्रीक हो चुके हैं। नपा-तुला खानपान और नियमित जिम वर्कआउट को करते हुए, उन्होंने कई वर्षों से अपना वज़न 69 किलो से ज्यादा नहीं होने दिया है।
37 साल की उम्र में भी उनकी फिटनेस उन खिलाड़ियों से उन्नीस नहीं है जो उनसे दस साल छोटे हैं। लेकिन इतने उच्च स्तर की शारीरिक और मानसिक फिटनेस को बनाए रखने के लिए विराट कौन सा मंत्र अपनाते हैं? दरअसल यह उनकी इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प का मामला है। उनके सहज व्यवहार और आकर्षक मुस्कान के पीछे उनकी फिट रहने की जिद्द है।
सैंडी गर्ग कहते हैं कि विराट पश्चिम विहार में रहते हुए घनघोर फूडी या कहें कि भोजन भट्ट हुआ करते था। वो तब उन सभी चीजों को खाते थे जो खिलाड़ियों को वर्जित होती हैं, पर उन्होंने अपने को फिट रखने के लिए अपनी जुबान पर नियंत्रण किया। वो एक दिन भी व्यायाम नहीं छोड़ते। वो रोज स्ट्रेचिंग, जॉगिंग और कार्डियो वर्कआउट करते हैं। वो स्क्वैट्स, डेडलिफ्ट्स और बेंच प्रेस करते हैं। वो सिट-अप्स और पुश-अप्स भी करते हैं।
विराट का शाकाहारी हो जाना आश्चर्यजनक है, क्योंकि अधिकांश खिलाड़ी मांसाहारी और शाकाहारी खाद्य पदार्थों के मिश्रण को पसंद करते हैं। विराट को करीब से जानने वाले जानते हैं कि 2012 के आईपीएल के बाद उन्होंने फिटनेस को बहुत गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी जिम ट्रेनिंग और खाने की आदतों को पूरी तरह से बदल दिया।
कोहली ने अपने को तीनों प्रारूपों में खेलने के लिए तैयार किया। उन्होंने एक बार कहा भी था कि “आपके पास कौशल हो सकता है लेकिन आपको अगर तीनों प्रारूपों में शीर्ष पर बने रहना है तो आपको एक दिनचर्या की आवश्यकता है। तब आपको अपनी ट्रेनिंग और खान पान पर बहुत गौर करना होगा।”
कोहली के जीवन में मां और बड़े भाई का महत्व
विराट दिल्ली में खेलने आते हैं, तो होटल की बजाय अपने घर में ही रहते हैं। विराट की जिंदगी में उनकी मां और बड़े भाई विकास का बहुत बड़ा स्थान है। इन दोनों ने ही उनके डैडी की अकाल मौत के बाद घर को संभाला। विकास और विराट के संबंध राम-लक्ष्मण की तरह हैं।
विराट के लिए बड़े भाई विकास ‘वीर जी ’ हैं। विकास ने विराट का पुत्रवत ध्यान रखा है। विराट के डैडी-मम्मी को एलआईसी कॉलोनी वाले याद करते हुए बताते हैं कि वे दोनों अष्टमी पर कंजक का आयोजन बहुत प्रेम से करते थे। प्रेम कोहली पंजाबी खत्रियों के खुखरायण समाज की गतिविथियों में भी बहुत सक्रिय रहते थे। ये बिरादरी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बेहड़ा शहर से दिल्ली आई थी। पश्चिम विहार में बेहड़ा वालों का बेहड़ा एनक्लेव भी है।