हेग: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने गुरुवार को बताया कि उसने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उसके पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। साथ ही हमास नेता मोहम्मद दियाब इब्राहिम अल-मसरी जिसे मोहम्मद दीफ के नाम से जाना जाता है, के लिए भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
हालांकि दीफ के बारे में इजराइली सेना ने जुलाई में कहा था कि उसे गाजार में एयर स्ट्राइक में मारा जा चुका है। जजों ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध के दौरान कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए तीनों व्यक्तियों पर ‘आपराधिक जिम्मेदारी’ होने के उचित आधार हैं। वहीं, इजराइल और हमास दोनों ने आरोपों को खारिज कर दिया है।
इजराइल और अमेरिका नहीं हैं आईसीसी के सदस्य
अब यह आईसीसी के 124 सदस्य देशों पर निर्भर करेगा कि वे वारंट को लागू करते हैं या नहीं। आईसीसी के 124 सदस्य देशों में वैसे इजराइल या उसका सहयोगी अमेरिका शामिल नहीं हैं। इससे पहले इसी साल मई में आईसीसी अभियोजक करीम खान ने नेतन्याहू, गैलेंट, दीफ और दो अन्य हमास नेताओं इस्माइल हानियाह और याह्या सिनवार के लिए वारंट की मांग की थी।
इसमें इस्माइल हानियाह और सिनवार मारे जा चुके हैं। इजराइल का मानना है कि मोहम्मद दीफ भी मारा गया है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि उसे आईसीसी अभियोजन पक्ष द्वारा यह सूचित किया गया था कि वह ये निर्धारित करने की स्थिति में नहीं है कि वह मारा गया है या जीवित है।
बेंजामिन नेतन्याहू और हमास नेताओं के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनट कोर्ट में केस का मामला 7 अक्टूबर 2023 की घटनाओं से उपजा है, जब हमास के आतंकियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला किया था। इसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए। हमास के लड़ाके 251 अन्य को बंधक के रूप में गाजा वापस लेकर चले गए थे।
इसके बाद इजराइल ने बंधकों को छुड़ाने और हमले का बदला लेने के लिए जवाबी कार्रवाई शुरू की। गाजा क्षेत्र के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजराइल के सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से गाजा में कम से कम 44,000 लोग मारे गए हैं।
आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट पर प्रतिक्रिया
नेतन्याहू, गैलेंट या हमास की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि, इजराइली राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने कहा, ‘बुरे इरादे से लिए गए, आईसीसी के अपमानजनक फैसले ने न्याय को पूरी दुनिया में हंसी का पात्र बना दिया है।’
उन्होंने कहा, ‘इस फैसले ने लोकतंत्र और स्वतंत्रता के बजाय आतंक और बुराई के पक्ष को चुना है और न्याय प्रणाली को मानवता के खिलाफ काम कर रहे हमास के अपराधों के लिए ढाल में बदल दिया है।’
बीबीसी के अनुसार कब्जे वाले वेस्ट बैंक में स्थित एक अनुभवी फिलिस्तीनी राजनेता मुस्तफा बरगौटी ने नेतन्याहू और गैलेंट के लिए वारंट का स्वागत किया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत द्वारा वर्तमान में विचार किए जा रहे एक अलग मामले का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से इजराइल पर नरसंहार का अपराध करने के मामले पर अपने फैसले में तेजी लाने का भी आह्वान करते हैं।’