नई दिल्ली: भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने तस्कर हाजी सलीम उर्फ “लार्ड ऑफ ड्रग्स” के खिलाफ ‘ऑपरेशन सागर मंथन’ के तहत बड़ी कार्रवाई की है। हाजी सलीम को हाजी बलूच के नाम से भी जाना जाता है। उसका ड्रग तस्करी सिंडिकेट भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में सक्रिय है।
अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर शुरू किया गया है ताकि हाजी सलीन के ड्रग्स तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हाजी सलीम के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले इस अभियान के तहत अब तक लगभग चार हजार किलोग्राम के अवैध ड्रग्स जब्त की गई हैं। इसके साथ ही कार्टेल से जुड़े कई पाकिस्तानी नागरिक भी गिरफ्तार किए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, यह कार्टेल पाकिस्तान से शुरू होकर भारत, श्रीलंका, मॉरीशस और मालदीव तक फैला हुआ है। इसकी गतिविधियां अफगानिस्तान, मलेशिया और अमेरिका जैसे देशों तक भी फैली हैं। हाजी सलीम दुनिया के सबसे वांछित ड्रग तस्करों में से एक है।
ड्रग्स तस्करी के अलावा नार्को-आतंकवाद में भी सक्रिय
एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक, सलीम का नेटवर्क न केवल ड्रग्स की तस्करी करता है, बल्कि नार्को-आतंकवाद को भी बढ़ावा देता है। उसकी तस्करी की गई ड्रग्स से आतंकी गतिविधियों को फंडिंग मिलती है, जो क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बनती हैं।
खबर के अनुसार, सलीम के कार्टेल का मुख्य तरीका समुद्र के जरिए ड्रग्स की तस्करी करना है। इसके लिए विशेष रूप से चिह्नित शिपमेंट का उपयोग किया जाता है, जिन पर 777, 555, 999, फ्लाइंग हॉर्स और बिच्छू जैसे निशान होते हैं।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सलीम की शिपमेंट ईरान से शुरू होकर अफगानिस्तान और मलेशिया के रास्ते श्रीलंका पहुंचती है। इसके बाद ड्रग्स को छोटे जहाजों से कर भारतीय तटों पर लाया जाता है।
हाजी सलीम का भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से संबंध है
खबर के अनुसार, अधिकारियों का दावा है कि सलीम के संबंध भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से हैं। सलीम को कराची स्थित दाऊद की हवेली में देखा गया था। हालांकि, इस संबंध में केवल एक पुरानी तस्वीर और एक पता ही सुराग के तौर पर मौजूद हैं।
एनसीबी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सलीम के नेटवर्क का पहली बार खुलासा साल 2015 में केरल तट पर ड्रग्स की एक बड़ी खेप जब्त होने के बाद हुआ था। तब से अब तक एनसीबी ने 40 हजार करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की है। बावजूद इसके सलीम ने अपनी गतिविधियां जारी रखीं, जिससे उसे “रक्तबीज” का नाम मिला है।
हाजी सलीम की पाकिस्तान की आईएसआई करती है मदद
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, सलीम को पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई सैटेलाइट फोन मुहैया कराती है, ताकि वह समुद्र में अपने एजेंटों से संपर्क बनाए रख सके। साथ ही वह बलूचिस्तान के बेरोजगार युवकों को तस्करी के काम में लगाता है।
‘ऑपरेशन सागर मंथन’ के जरिए एनसीबी का उद्देश्य सलीम के वैश्विक ड्रग सिंडिकेट को जड़ से खत्म करना है। इस कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी और नार्को-आतंकवाद पर बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
क्या है ‘ऑपरेशन सागर’ मंथन
इस साल की शुरुआत में एनसीबी, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और एटीएस गुजरात पुलिस के खुफिया विंग की एक टीम बनाकर ‘ऑपरेशन सागर’ मंथन शुरू किया था, ताकि अवैध ड्रग्स की समुद्री तस्करी से राष्ट्रीय सुरक्षा को होने वाले खतरे का मुकाबला किया जा सके।
एनसीबी ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ समन्वय करके इस तरह के समुद्री अभियानों की एक श्रृंखला शुरू की है। अब तक लगभग 3,400 किलोग्राम नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ जब्त किए गए हैं। तीन मामलों में 11 ईरानी नागरिकों और 14 पाकिस्तानी नागरिकों को जेल भेजा गया है।