नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने दो महीने पहले 11 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो आतंकी संगठन “अल-कायदा” से प्रभावित होकर नया आतंकी समूह के रूप में काम कर रहे थे।
पुलिस ने इस आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए दावा किया है कि इनमें से कुछ आरोपी पीएम-किसान योजना का उपयोग करके आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने की योजना बना रहे थे।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें दो लाभार्थी भी हैं। उन्होंने इस योजना से मिले धन से हथियार खरीदे। पुलिस ने आरोपियों के साथ जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने और उनसे पूछताछ के लिए कोर्ट से अनुमति ली है।
6 लोगों के पास मिले हैं हथियार और कैश
22 अगस्त को केंद्रीय एजेंसियों की जानकारी के बाद दिल्ली और झारखंड में छापेमारी की गई, जिसमें छह लोगों को भिवाड़ी में हथियारों का प्रशिक्षण लेते हुए पकड़ा गया। वहां से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।
इसके अलावा, रांची में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से 5.1 लाख रुपए और अन्य हथियार मिले। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी झारखंड के अलग-अलग गांवों से हैं और एक बड़े कट्टरपंथी समूह से जुड़े हुए थे।
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दिल्ली पुलिस और आरोपी के वकील ने क्या कहा है
खबर के अनुसार, आरोपियों में से कुछ ने जमशेदपुर जेल में एक संदिग्ध व्यक्ति से मुलाकात की, जिसे आतंकी गतिविधियों में शामिल बताया गया। पुलिस के मुताबिक, यह मॉड्यूल डॉ. इश्तियाक अहमद उर्फ कैप्टन के नेतृत्व में काम कर रहा था।
आरोप है कि ये लोग युवाओं को कट्टरपंथ की ओर आकर्षित करने और बम बनाने जैसी गतिविधियों में शामिल थे। पुलिस ने कहा कि आरोपियों की जांच में यह सामने आया है कि वे विभिन्न स्थानों पर यात्रा कर रहे थे और युवाओं को जिहाद के लिए उकसा रहे थे। इस पूरे मॉड्यूल का उद्देश्य समाज में भय और अस्थिरता फैलाना था।
आरोपियों के वकील ने पुलिस पर आरोप लगाया कि बिना पुख्ता सबूत के उनके मुवक्किलों को फंसाया जा रहा है और उन्हें हिरासत में प्रताड़ित किया गया। वकील का कहना है कि पुलिस ने अभी तक अपनी चार्जशीट दाखिल नहीं की है, जिससे आरोपों की सत्यता पर सवाल उठता है।
कोर्ट ने पुलिस हिरासत के दौरान आरोपियों की स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ और नए सबूत मिलने के बाद कई और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं।