मराठा आरक्षण की मांग महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव ला रही है। 1982 में अन्नासाहेब पाटिल के बलिदान से लेकर आज के मनोज जरांगे के आंदोलन तक, मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में शामिल करने की लड़ाई जारी है। जानें कि क्यों और कैसे यह आंदोलन सत्ता से टकरा रहा है।
देखें ये खास विश्लेषण–