नई दिल्ली: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के साथ किए गए करोड़ों डॉलर के समझौते की पहली बड़ी लाभार्थी बनी है। अगले हफ्ते, स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट भारत के सबसे आधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-20 (जिसे GSAT-N2 भी कहा जाता है) को कक्षा में स्थापित करेगा। इस भारतीय उपग्रह को अमेरिका के केप कैनावेरल से लॉन्च किया जाएगा जिसपर करीब 60-70 मिलियन डॉलर खर्च होने का अनुमान है।
यह इसरो और स्पेसएक्स के बीच कई व्यावसायिक साझेदारियों की शुरुआत है। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि इसरो और स्पेसएक्स कम लागत वाले प्रक्षेपण के लिए प्रतिस्पर्धी हैं, लेकिन वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में स्पेसएक्स कहीं आगे है।
4,700 किलोग्राम वजनी है जीसैट-एन2 उपग्रह
भारत का 4,700 किलोग्राम वजनी जीसैट-एन2 उपग्रह इसरो ने बनाया है। यह इतना भारी है कि इसे भारतीय रॉकेट नहीं उठा सकते थे। भारत के ‘बाहुबली’ लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) की अधिकतम क्षमता 4,000-4,100 किलोग्राम है। इसलिए इसे अमेरिका के केप कैनवेरल से प्रक्षेपित किया जा रहा है।
Upcoming @SpaceX TRIPLE HEADER on Nov 18
• Falcon 9 Starlink at 12:47 AM ET
• Falcon 9 GSAT-20 at 1:31 PM ET
• Starship Flight 6 at 5:00 PM ET pic.twitter.com/cG3KLJK9vd— ALEX (@ajtourville) November 14, 2024
उपग्रह में 32 उपयोगकर्ता बीम हैं, जिसमें उत्तर-पूर्वी क्षेत्र पर आठ संकीर्ण स्पॉट बीम और बाकी भारत पर 24 विस्तृत स्पॉट बीम शामिल हैं। इन 32 बीमों को मुख्य भूमि भारत में स्थित हब स्टेशनों द्वारा समर्थन प्रदान किया जाएगा। यह इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी को भी सक्षम करेगा।
अब तक, भारत अपने भारी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए यूरोपीय एरियनस्पेस पर निर्भर था। लेकिन वर्तमान में उसके पास कोई सक्रिय रॉकेट नहीं है। चीनी रॉकेट सुरक्षा कारणों से और रूस के रॉकेट यूक्रेन युद्ध के कारण उपलब्ध नहीं हैं।
स्पेसएक्स के साथ साझेदारी
इसरो की व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के चेयरमैन राधाकृष्णन दुरईराज ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि “इस भारी उपग्रह के लिए स्पेसएक्स के साथ यह सौदा तकनीकी और आर्थिक रूप से हमारे लिए लाभकारी है।” यह उपग्रह 14 साल तक काम करेगा और भारत के पूर्वोत्तर और अन्य हिस्सों में इंटरनेट और संचार सेवाओं को मजबूत करेगा। राधाकृष्णन ने बताया कि यह एक पूरी तरह से व्यावसायिक प्रक्षेपण है, जिसे एनएसआईएल के माध्यम से किया जा रहा है।
एलन मस्क की भारत में रुचि
एलन मस्क ने जून 2023 में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान कहा था, “भारत में अपार संभावनाएं हैं। मोदीजी भारत के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और मैं उनका प्रशंसक हूं।” उन्होंने भारत में अपनी स्टारलिंक सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस मांगा है। हालांकि, दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सुरक्षा मानकों का पालन करने के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा।
अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग
भारत ने अमेरिका की Axiom Space कंपनी के साथ एक और समझौता किया है, जिसके तहत एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 और क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा जाएगा। यह मिशन लगभग 60 मिलियन डॉलर का होगा। इसरो और स्पेसएक्स के बीच यह सहयोग भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगा।