नई दिल्लीः नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी सेकी (SECI) ने अनिल अंबानी की रिलायंस पावर को शो-कॉज नोटिस भेजते हुए पूछा है कि कंपनी और उसकी सहायक कंपनी के खिलाफ फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के लिए क्यों आपराधिक कार्रवाई न की जाए।
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) का आरोप है कि रिलायंस पावर और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड ने सेकी के टेंडरों में फर्जी दस्तावेज जमा किए हैं, जिसके बाद सेकी ने उन्हें निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया।
रिलायंस पावर ने क्या कहा?
इस बीच, रिलायंस पावर ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह धोखाधड़ी, जालसाजी और ठगी की साजिश का शिकार है। कंपनी ने यह भी बताया कि इस मामले में पहले ही 16 अक्टूबर 2024 को दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई थी, और 11 नवंबर 2024 को FIR दर्ज की गई। रिलायंस पावर ने कहा कि जांच जारी है और उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
बैंक गांरटी जमा करने वाली शाखा मौजूद ही नहीं
13 नवंबर को जारी नोटिस में सेकी ने कहा कि रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड (जो निविदा जमा करते समय महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) द्वारा एक विदेशी बैंक गारंटी प्रस्तुत की गई थी, जिसका समर्थन भी फर्जी था। सेकी ने इसे एक जानबूझकर किए गए कृत्य के रूप में देखा, जिसका उद्देश्य निविदा प्रक्रिया को प्रभावित करना और धोखाधड़ी के माध्यम से परियोजना क्षमता प्राप्त करना था।
सेकी के अनुसार, रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड ने फर्स्टरैंड बैंक द्वारा जारी एक बैंक गारंटी प्रस्तुत की थी, जिसे मनीला, फिलीपींस स्थित शाखा से जारी करने का दावा किया गया था। सेकी ने विस्तृत जांच के बाद यह पाया कि फिलीपींस में फर्स्टरैंड बैंक की कोई शाखा मौजूद नहीं है, जिससे यह साबित हो गया कि प्रस्तुत की गई बैंक गारंटी एक फर्जी दस्तावेज था।
तीन साल के लिए टेंडर से बाहर
ऊर्जा एजेंसी ने 6 नवंबर को घोषणा की थी कि रिलायंस पावर और रिलायंस एनयू बेस को तीन साल के लिए सेकी के टेंडरों में भाग लेने से निष्कासित किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने फर्जी दस्तावेज जमा किए थे। रिलायंस पावर के शेयर गुरुवार को बीएसई पर 1.53 प्रतिशत गिरकर 36 रुपये पर बंद हुए, जो कंपनी के लिए एक बड़ा झटका है।