अमरावती: आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सोशल मीडिया पर हो रही गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का आरोप है कि विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने टीडीपी के नेताओं की महिलाओं के बारे में अपमानजनक सामग्री पोस्ट की, जो सीमा पार कर गई है।
इस मामले में छह से 12 नवंबर के बीच राज्य पुलिस ने 680 नोटिस जारी किए, 147 मामले दर्ज किए और 49 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इन गिरफ्तारियों का कारण सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और यौन संबंधी सामग्री का पोस्ट किया जाना बताया जा रहा है।
पुलिस ने वाईएसआरसीपी समर्थकों द्वारा पोस्ट की गई सामग्री की जांच की है, जिनमें राज्य के प्रमुख नेताओं की पत्नियों और बेटियों को निशाना बनाया गया था।
अखबार के अनुसार, इनमें गृह मंत्री वी अनिता, टीडीपी विधायक एन बालकृष्ण की पत्नी वसुंधरा, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की पत्नी, उपमुख्यमंत्री के पवन कल्याण की बेटियां और कांग्रेस अध्यक्ष वाई एस शर्मिला और उनकी मां वाई एस विजयम्मा शामिल हैं।
पुलिस ने प्रमुख सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को इस मामले में नामजद किया, जिनमें वररा रविंदर रेड्डी, इंतुरी रवि किरण, कल्लम हरिकृष्ण रेड्डी, पेड्डीरेड्डी सुधा रानी और मेका वेंकट रामी रेड्डी का नाम लिया है।
वाईएसआरसीपी के सह-संयोजक पर अशांति फैलाने का आरोप
कुरनूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण के अनुसार, वररा रविंदर रेड्डी कडप्पा जिले में वाईएसआरसीपी के सह-संयोजक हैं और पार्टी के सोशल मीडिया संचालन के प्रमुख हैं।
रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं की छवियों के साथ छेड़छाड़ की और विभिन्न समुदायों में अशांति फैलाने के लिए अपमानजनक सामग्री पोस्ट की है। इसके अलावा वह कई यूट्यूब चैनल चलाते हैं, जो महिला नेताओं के खिलाफ अश्लील सामग्री प्रसारित करते हैं।
चुटकुले-कैरिकेचर से एतराज नहीं, लेकिन अश्लील पोस्ट गलत-टीडीपी
खबर के मुताबिक, टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने कहा कि राजनीतिक नेताओं की छवि के खिलाफ चुटकुले और कैरिकेचर पोस्ट करना सही हो सकता है, लेकिन उनके परिवार की महिलाओं को निशाना बनाना और अश्लील सामग्री पोस्ट करना सीमा पार करना है।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जब टीडीपी सत्ता में आई थी, तब पार्टी ने प्रतिशोध की राजनीति से बचने का फैसला किया था, लेकिन अब सोशल मीडिया कार्यकर्ता आक्रामक हो गए हैं और पार्टी नेताओं की महिलाओं और उनके परिवार के सदस्य भी इस गंदे सोशल मीडिया युद्ध का हिस्सा बन गए हैं।
वाईएसआरसीपी के प्रमुख ने कार्रवाई को बदले की राजनीति बताया
वहीं, वाईएसआरसीपी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि टीडीपी नेतृत्व वाली सरकार बदले की राजनीति में लिप्त है और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दबाव डालने, अवैध गिरफ्तारी और धमकियों का सहारा ले रही है।
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया और कहा कि सरकार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और नागरिकों के बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई के पीछे एक और कारण जनसेना पार्टी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण द्वारा गृह मंत्री की आलोचना है। पवन कल्याण ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अपना काम ठीक से नहीं कर रही हैं, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति कमजोर हो रही है।
इस कार्रवाई ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। सरकार का कहना है कि यह कदम कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है, जबकि विपक्षी दल इसे राजनीतिक प्रतिशोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं।
इस प्रकार, आंध्र प्रदेश में सोशल मीडिया पर हो रहे इस राजनीतिक युद्ध ने राज्य की राजनीति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।
यह घटना दर्शाती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अभिव्यक्ति का नियंत्रण अब राजनीतिक दलों के बीच एक नया युद्ध बन चुका है, जहां सोशल मीडिया को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच विचारधारा और दृष्टिकोण के अंतर साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं।