मद्दिपाडु: आंध्र प्रदेश पुलिस ने फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा को मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की मोर्फ्ड (संशोधित) तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। रामगोपाल वर्मा पर इन तस्वीरों के जरिए नायडू और उनकी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
रामगोपाल 19 नवंबर को पूछताछ के लिए तलब
प्रकाशम जिले की पुलिस टीम बुधवार को हैदराबाद में वर्मा के जुबली हिल्स स्थित निवास पहुंची थी जहां सुबह 10 बजे मामले में नोटिस सौंपा गया। फिल्मेकर को 19 नवंबर को मद्दिपाडु पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। प्रकाशम जिला पुलिस अधीक्षक ए.आर. दामोदर ने कहा, “हमने वर्मा को जांच में उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है।”
11 नवंबर को दर्ज हुई थी एफआईआर
इस मामले में 11 नवंबर को प्रकाशम जिला पुलिस ने वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। यह शिकायत मद्दिपाडु के निवासी रामलिंगम (45) द्वारा दर्ज करवाई गई थी। उनकी शिकायत के अनुसार, वर्मा की सोशल मीडिया पोस्ट्स ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और उनके परिवार की समाज में छवि को ठेस पहुंचाई है और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। इसके तहत वर्मा के खिलाफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की धारा 67 और बीएनएस की धारा 336 (4) व 352 (2) के तहत मामले की जांच शुरू की गई है।
क्या है पूरा मामला?
राम गोपाल वर्मा, जो कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थक माने जाते हैं, अक्सर चंद्रबाबू नायडू और उनकी पार्टी के खिलाफ बेबाक बयान देते रहे हैं। वर्मा की फिल्म ‘व्यूहम’ इसी साल मार्च में रिलीज हुई थी। यह फिल्म वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की 2009 में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना और उनके बेटे जगन मोहन रेड्डी के राजनीतिक सफर पर आधारित है। इस फिल्म की रिलीज पहले 2023 में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान करने की योजना थी, परंतु विवादों के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।
फिल्म ‘व्यूहम’ के प्रमोशन के दौरान, वर्मा ने सोशल मीडिया पर कई विवादित पोस्ट की थीं, जिनमें मुख्यमंत्री नायडू पर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां शामिल थीं। इस दौरान उन्होंने नायडू की एक मोर्फ्ड फोटो भी पोस्ट की, जो अब उनके खिलाफ शिकायत का आधार बनी। इसके बाद फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन द्वारा U सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ और यह 2 मार्च 2024 को रिलीज हुई।