ढाकाः नूर हुसैन दिवस पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रविवार तनावपूर्ण स्थिति बन गई। अवामी लीग ने शहीद नूर हुसैन स्क्वायर पर रविवार को एक विरोध मार्च आयोजित किया था, जिसमें पार्टी के कई समर्थकों पर हमला हुआ। यह घटना बंगबंधु एवेन्यू पर पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के सामने हुई, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
नूर हुसैन की स्मृति में रैली का आयोजन
अवामी लीग के युवा मोर्चा ‘जुबो लीग’ के नेता और एक राजनीतिक कार्यकर्ता नूर हुसैन का 10 नवंबर, 1987 को इरशाद विरोधी आंदोलन के दौरान निधन हो गया था। इस बलिदान को सम्मानित करने के लिए पार्टी ने इस वर्ष बड़े पैमाने पर एक रैली का आयोजन किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के 5 अगस्त को पतन के बाद यह पार्टी का पहला बड़ा सार्वजनिक आयोजन था, जिसमें उन्होंने लोकतंत्र और मुक्ति संग्राम के मूल्यों के प्रति विश्वास रखने वालों को नूर हुसैन चत्तर (जीरो पॉइंट) पर एकत्रित होने का निमंत्रण दिया। आवामी लीग ने कहा था कि हमारा विरोध अधिकारों की स्थापना के लिए, बोलने की आजादी के लिए, कट्टरपंथियों के खिलाफ, लोकतंत्र के लिए होगा।
आवामी लीग ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा था, आज हम एक ऐतिहासिक क्षण के करीब पहुंच रहे हैं। हमें देश में लोकतंत्र के संकट, कुप्रशासन और बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित होने के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। 10 नवंबर को हमें राजधानी ढाका में जीरो प्वाइंट पर एक साथ आना होगा।’
पोस्ट में पार्टी ने कहा था कि यह सिर्फ रैली नहीं, हमारा आंदोलन है. हमारा विरोध विरोध – देश के लोगों की मताधिकार से वंचित होने के खिलाफ, कट्टरपंथी ताकतों के उदय के खिलाफ, और आम लोगों के जीवन को बाधित करने की साजिशों के खिलाफ – स्वतंत्रता की रक्षा करने की प्रतिज्ञा है। बांग्लादेश आपकी ताकत से, आपकी आवाज से जय बांग्ला के नारे से दहाड़ेगा।
सरकार और विपक्ष में तनातनी
अवामी लीग द्वारा रैली की घोषणा होते ही, मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इसका विरोध जताते हुए स्पष्ट किया कि रैली को अनुमति नहीं दी जाएगी। यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने अवामी लीग को एक “फासीवादी पार्टी” बताते हुए कहा कि देश में उन्हें विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी। दूसरी ओर, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने भी अवामी लीग नेताओं पर मुकदमे की मांग को लेकर उसी स्थान पर एक जवाबी सभा आयोजित करने की योजना बनाई।
बढ़ाई गई सुरक्षा
हिंसा की आशंका को देखते हुए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी ढाका और अन्य क्षेत्रों में 191 टुकड़ियां तैनात की हैं। बीजीबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता से स्थिति पर नजर रख रही हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी को टाला जा सके।