नई दिल्ली: भारतीय सेना ने कहा है कि उसने जम्मू-कश्मीर के अखनूर में छिपे आतंकवादियों को मारने के लिए मानव रहित वाहनों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया गया है।
जीओसी 10 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने मंगलवार को एक ब्रीफिंग के दौरान कहा है कि ऑपरेशन में एआई का भी प्रयोग किया गया है जिससे अच्छे रिजल्ट मिले हैं। ऑपरेशन के बाद ऐसी खबरे आई थी सेना ने इस अभियान में बीएमपी-II टैंक (एक बख्तरबंद लड़ाकू वाहन) का इस्तेमाल हुआ है।
इस पर मेजर जनरल ने कहा है कि अभियान के दौरान हमने इस तरह के वाहन का इस्तेमाल किया है। उन्होंने बताया है कि आतंकवादी जहां पर छुपे थे, वह घने जंगल वाला बहुत ही दुर्गम इलाका था जहां पर 30 डिग्री तक की ढलान थी।
समीर श्रीवास्तव ने ब्रीफिंग में खोजी कुत्ता फैंटम का भी जिक्र किया है जिसकी ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई है। बता दें कि सोमवार को अखनूर में तीन आतंकियों ने सेना के काफिले के एंबुलेस पर हमला कर दिया था जिसके जवाबी कार्रवाई में सेना ने तीनों आतंवादियों को मार गिराया है।
अखनूर के बारे में मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने क्या कहा
अखनूर मुठभेड़ में एआई के इस्तेमाल पर बोलते हुए मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने कहा,”हमने मानव रहित वाहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया है जिससे हमें जल्दी और सफल परिणाम मिले। हमने एक आर्मी डॉग खो दिया, जब हम सर्च ऑपरेशन कर रहे थे तो वह आगे था और आतंकवादियों ने डॉग पर गोलियां चलाईं। उसके बलिदान के कारण ही कई लोगों की जान बचाई जा सकी।”
न्यूज एजेंसी एएनआई को समीर श्रीवास्तव ने बताया, “जब हमें अपने सूत्रों से गांव में आतंकवादियों के होने का पता चला, तो हमने तुरंत ऐक्शन करने का निर्णय लिया। जब उन्हें मालूम हुआ कि उनके मंसूबे पूरे नहीं हो पा रहे हैं तो उन्होंने हमारे काफिले पर गोलीबारी की। जिस तरह से आतंकवादी हथियारों से लैस थे, हमें लगता है कि वे किसी बड़ी प्लानिंग से यहां आए थे। आतंकवादी संगठनों ने यह भी पोस्ट किया था कि वे कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे थे। इसलिए हम तैयार थे और खुफिया एजेंसियों सहित सभी संगठनों की मदद ले रहे थे।”
बीएमपी-II टैंक की खूबियां
भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किया जाना वाला बीएमपी-II टैंक एक युद्धक टैंक है जिसमें 7.62 मिमी वाली मशीनगन लगी रहती है। टैंक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह 30 डिग्री यानी हर तरफ घूम कर दुश्मनों पर हमला कर सकता है। बीएमपी-II टैंक का वजन काफी कम होता है जिससे यह पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से चढ़ जाता है।
टैंक में 73 मिलिमीटर की तोप भी होती है जो करीब चार किलोमीटर के रेंज के निशाना को टारगेट कर सकता है। इसमें बुर्ज-माउंटेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) लांचर और ऑटोमेटिक ग्रेनेड लॉन्चर (एजीएल) भी मौजूद होता है। इसे ऑर्डनेंस फैक्ट्री मेडक द्वारा बनाया गया है जो रूसी टैंक का भारतीय वर्जन हैं।