ओटावा: कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है और इसके लिए सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेताओं ने उन्हें 28 अक्टूबर का अल्टीमेटम दिया है। यह दावा सीबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, लिबरल सांसदों द्वारा पार्लियामेंट हिल में बुधवार को एक बैठक बुलाई गई है जिसमें ट्रूडो के सामने असंतुष्ट सांसदों ने अपनी बात रखी है। हाउस ऑफ कॉमन्स के साप्ताहिक कॉकस सत्र के दौरान बंद कमरे में हुई मीटिंग में पार्टी के सांसदों ने जस्टिन ट्रूडो से अपनी चिंताएं और निराशा को बताया है।
ट्रूडो की इस्तीफे के मांग तब उठ रही है जब हाल में भारत और कनाडा के रिश्तें प्रभावित हुए हैं। पिछले कुछ दिनों से जस्टिन ट्रूडो को अपनी ही पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव और असंतोष का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले हाल में ही कनाडा ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा और अन्य अधिकारियों को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ बताया था। इसके बाद से दोनों देशो के रिश्तों में और भी तनाव बढ़ा है।
कॉकस सत्र के दौरान कनाडाई सांसदों ने क्या मांग की है
रेडियो कनाडा के हवाले से सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 24 सांसदों के एक समूह द्वारा एक दस्तावेज पर हस्ताक्षार किए गए हैं जिसमें ट्रूडो को 28 अक्टूबर तक अपने पद से इस्तीफा देने के बात कही गई है।
हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि अगर ट्रूडो अपने पद से इस्तीफा नहीं देगें तो आगे उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। ब्रिटिश कोलंबिया के सांसद पैट्रिक वीलर ने ट्रूडो की इस्तीफे के पक्ष में यह दस्तावेज पेश किया है।
दस्तावेज में इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर ट्रूडो पार्टी चीफ का पद छोड़ते हैं तो इससे पार्टी को फायदा हो सकता है। इसके लिए अमेरिका का उदाहरण दिया गया है जिसमें यह कहा है गया है कि जब जो बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपित का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था तब डेमोक्रेट्स को बढ़त मिलते दिखी थी।
करीब तीन घंटे तक चली मीटिंग में हर सांसदों को अपनी बात रखने के लिए दो मिनट का समय दिया गया था। मीटिंग में मौजूद लगभग 20 सांसदों ने (कोई भी कैबिनेट मंत्री नहीं थे) ट्रूडो से पार्टी चीफ के पद को छोड़ने की बात कही है। हालांकि कुछ सासंद ट्रूडो के समर्थन में भी सामने आए हैं।
कनाडा के आप्रवासन (इमिग्रेशन) मंत्री मार्क मिलर ने असंतुष्ट सांसदों के निराशा को स्वीकार करते हुए उनके प्रति सम्मान जताया है। इस पर उन्होंने कहा कि असंतुष्ट सांसदों को ट्रूडो के सामने अपनी चिंताएं रखना जरूरी है और ट्रूडो आलोचना को संभालने में सक्षम हैं।
भारत और कनाडा के रिश्तों में आया है तनाव
दोनों देशों के बीच हाल में तनाव तब बढ़ा जब कनाडा ने निज्जर हत्याकांड में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा और अन्य अधिकारियों को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में लेबल किया था। भारत ने कनाडा के इन आरोपों का खंडन किया था और इसके बाद दोनों देशों के रिश्तें प्रभावित हुए हैं।
इससे पहले निज्जर हत्याकांड में पिछले साल ट्रूडो ने कनाडाई संसद में भारत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इसमें भारतीय एजेंटों के शामिल होने के “विश्वसनीय” सबूत मिले हैं। भारत ने कनाडा के इन आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताते हुए इन्हें खारिज किया था।
भारत ने कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी को बढ़ावा देने और भारत विरोधी तत्वों को फलफुलने का आरोप लगाया था। बता दें कि जून 2023 में कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की सर्रे के एक गुरुद्व्रारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई ने साल 2020 में निज्जर को एक आतंकवादी घोषित कर रखा था। एजेंसी द्वारा उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।