कैनबराः सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई संसद में ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स का ऐतिहासिक दौरा उस समय विवादास्पद हो गया जब स्वदेशी अधिकारों की मुखर समर्थक और सीनेटर (सांसद) लिडिया थॉर्प ने उनका विरोध करते हुए उपनिवेशवाद के खिलाफ जोरदार नारे लगाए। संसद में उनके भाषण के समापन से ठीक पहले, थॉर्प ने उन पर चिल्लाते हुए कहा, “आप मेरे राजा नहीं हैं। आपने हमारे लोगों पर अत्याचार किया और नरसंहार किया है।”
घटना से जुड़ा क्लिप भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हो रहा है। क्लिप में सीनेटर थॉर्प को करीब एक मिनट तक किंग चार्ल्स पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान वह कहती हैं, “हमें हमारी जमीन वापस दो! जो तुमने हमसे चुराया है, वो हमें दो।” उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी लोगों पर किए गए अन्यायों की निंदा की।
I condemn in the strongest possible terms the actions of Senator Lidia Thorpe today at Parliament House where she hurled verbal abuse at our King.
To show such utter disrespect to King Charles, who has traveled to Australia, despite ongoing cancer treatment, is disgusting.… pic.twitter.com/hG9UaQOw3E
— Senator Babet (@senatorbabet) October 21, 2024
थॉर्प ने संधि की मांग दोहराई
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया 100 से अधिक वर्षों तक ब्रिटिश उपनिवेश था। उसने इस दौरान हजारों आदिवासियों के नरसंहार का सामना किया और कई समुदायों को विस्थापित किया गया। आज भी, ऑस्ट्रेलिया के प्रथम राष्ट्रों के लोग असमानता और भेदभाव का सामना कर रहे हैं। थॉर्प ने एक बार फिर स्वदेशी आस्ट्रेलियाई लोगों और सरकार के बीच एक संधि की मांग दोहराई।
BREAKING:
The end of King Charles speech has been interrupted by a protest from an indigenous campaigner.
Senator Lidia Thorpe shouted at the stage “you are not our King”, “this is not your land”.
She demanded the King apologise for British atrocities in Australia pic.twitter.com/ZytV8X9OC9— Chris Ship (@chrisshipitv) October 21, 2024
लिडिया थॉर्प, जो जाबवुरुंग गुन्नई गुंडितजमारा जनजाति से हैं, लंबे समय से राजशाही के खिलाफ अपना विरोध जताती रही हैं। उनका मानना है कि ब्रिटिश शासन ने उनकी भूमि और संसाधनों को छीन लिया है इसका खामियाजा अभी भी उनके समुदायों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें इसका काफी नुकसान हो रहा है।
किंग चार्ल्स का भाषण और अबोरिजिनल परंपराओं का सम्मान
किंग चार्ल्स ने अपने भाषण में ऑस्ट्रेलिया के प्रथम राष्ट्रों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मेरे जीवन में, प्रथम राष्ट्रों के लोगों ने मुझे अपनी कहानियों और परंपराओं से बहुत कुछ सिखाया है, और यह ज्ञान मेरे अनुभवों को समृद्ध करता रहा है।” इससे पहले, उन्हें और क्वीन कैमिला को पारंपरिक अबोरिजिनल समारोह के साथ स्वागत किया गया था, जो उनके इतिहास और विरासत को सम्मानित करता है।
थॉर्प के विरोध पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
सीनेटर लिडिया थॉर्प के इस विरोध पर कई प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ वर्तमान और पूर्व सांसदों ने उनकी आलोचना की, यह कहते हुए कि किंग चार्ल्स, जो कैंसर के इलाज के बावजूद ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर रहे थे, के प्रति ऐसा असम्मान निंदनीय है। वहीं, कुछ ने सोशल मीडिया पर थॉर्प के इस कदम का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने स्वदेशी आस्ट्रेलियाई लोगों की भावनाओं को सटीक रूप से व्यक्त किया है।
ऑस्ट्रेलिया और गणराज्य का मुद्दा
यह घटना उस समय हुई है जब ऑस्ट्रेलिया में गणराज्य बनने की बहस फिर से जोर पकड़ रही है। 1999 में, आस्ट्रेलियाई लोगों ने जनमत संग्रह में ब्रिटिश रानी को राष्ट्राध्यक्ष बनाए रखने के पक्ष में मतदान किया था। हालांकि, हाल के वर्षों में, स्वदेशी अधिकारों और गणराज्य बनने के मुद्दों पर फिर से चर्चा हो रही है।