बेरूतः दक्षिण लेबनान के नबातिया में इजराइली हवाई हमले में शहर के मेयर और अन्य पांच लोगों की मौत हो गई। यह हमला बुधवार सुबह उस समय हुआ जब मेयर अहमद खेइल नगर पालिका भवन में एक दैनिक संकट प्रबंधन बैठक कर रहे थे। नबातिया के गवर्नर हौइदा तुर्क ने मौतों की पुष्टि करते हुए समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि यह एक नरसंहार है।
गवर्नर के अनुसार इजराइल ने शहर और उसके आसपास 11 हवाई हमले किए। इस हमले में नगर पालिका भवन और उसके सटे एक मेडिकल सुविधा भी नष्ट हो गई, जिससे दो डॉक्टरों की मौत हो गई।
लेबनानी प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इजराइल पर जानबूझकर नगरपालिका की बैठक को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जिसमें शहर की सेवाओं और राहत स्थिति पर चर्चा हो रही थी। उन्होंने इजराइली आक्रमण की निंदा की और कहा कि यह नागरिकों के खिलाफ है।
उधर, इजराइली सेना ने कहा कि नबातिया में किए गए हवाई हमले का लक्ष्य हिजबुल्लाह के ठिकाने थे, लेकिन इस दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया गया। कुछ दिन पहले ही इजराइली हवाई हमले में शहर का मुख्य बाजार तबाह हो गया था, जिसमें कम से कम आठ लोग घायल हुए थे।
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इस बीच, इजराइल की सेना ने बुधवार को बताया कि उसकी नौसेना ने दक्षिण लेबनान में ग्राउंड टुकड़ियों के साथ मिलकर काम किया है। हालांकि, यूएन के शांति रक्षा मिशन, यूनिफिल के खिलाफ इजराइली हमलों की निंदा की जा रही है। ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री एलेक्जांडर शालेनबर्ग ने कहा कि ईयू देशों के यूनिफिल में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है, जबकि इजराइल ने उन्हें ऐसा करने का आग्रह किया है।
इजराइल ने गाजा के जबालिया क्षेत्र में भी हमले करने और हमास कमांडर समेत 50 से अधिक आतंकवादियों को मारने का दावा किया है। गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में इजराइली हवाई हमलों में 65 लोग मारे गए हैं।
सोमवार को, उत्तरी गाजा में मानवीय सहायता दो सप्ताह में पहली बार पहुंची और मंगलवार और बुधवार को अधिक सहायता पहुंची। क्योंकि अमेरिका ने रविवार को इजराइल को चेतावनी दी थी कि अगर वे सहायता पहुंचाने में रुकावट पैदा करता है तो उसे सैन्य सहायता में कटौती का सामना करना पड़ सकता है।
रिपोर्टों के मुताबिक हिजबुल्लाह ने भी इजराइल के हमले के जवाब में उसपर अधिक रॉकेट दागे हैं, जिसमें कम से कम दो लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, इजराइली हमलों ने अब तक लगभग 2,350 लोगों की जान ली है और 1.2 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।