न्यूयॉर्कः एक सदियों पुराना रहस्य, जो माउंट एवरेस्ट के शिखर पर बर्फ की चादर के नीचे दबा था, हाल ही में एक खोज ने नई उम्मीदें जगा दी हैं। सितंबर में नेशनल ज्योग्राफिक की एक डॉक्यूमेंट्री टीम माउंट एवरेस्ट के उत्तरी भाग के नीचे सेंट्रल रोंगबुक ग्लेशियर पर थी।
इस पिघलते रोंगबुक ग्लेशियर में उन्हें एक बूट और मोजा मिला है। टीम के डायरेक्टर जिमी चिन ने जब उस बूट को उठाया तो उसमें लगे मोजे पर ” A.C. IRVINE.” का नाम देखा, तो उनकी धड़कनें तेज हो गईं। माना जा रहा है कि यह अवशेष ब्रिटिश पर्वतारोही एंड्रयू कॉमिन इरविन ‘सैंडी’ की हो सकती हैं। इरविन 1924 में अपने साथी जॉर्ज मैलोरी के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान रहस्यमय तरीके से गायब हो गए थे?
यह खोज न केवल इरविन और मैलोरी के रहस्य को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह पर्वतारोहण समुदाय को भी एक नई ऊर्जा और जिज्ञासा प्रदान करती है। क्या यह अवशेष इस बात का संकेत हो सकते हैं कि इरविन ने अपने शिखर के सपने को साकार किया था, या यह उनकी मृत्यु के रहस्य के और करीब ले जाएगा?
Happy Birthday, @jimkchin! Climbing mountains is one thing, but uncovering a piece of history like Andrew Irvine’s remains is scaling a peak of human curiosity and endurance. May this year bring you more awe-inspiring discoveries and stories that not only define your journey but… pic.twitter.com/YRRciCcUyC
— Everest Today (@EverestToday) October 12, 2024
1924 में गायब हुए इरविन
8 जून 1924 को, इरविन और मैलोरी एवरेस्ट की चोटी के करीब 800 फीट की दूरी पर आखिरी बार देखे गए थे। उनकी वापसी न होने से यह रहस्य गहरा गया कि क्या उन्होंने शिखर तक पहुँचने के बाद अपनी जान गंवाई। जबकि मैलोरी के अवशेष 1999 में मिले थे, इरविन के शरीर और उनके साथ मौजूद कैमरा—जिसमें शायद उनके शिखर तक पहुँचने का साक्ष्य हो—अभी तक नहीं मिला था।
हाल ही में मिली इस खोज के बाद, नेशनल ज्योग्राफिक की टीम ने बताया कि यह इरविन के निधन का पहला वास्तविक प्रमाण हो सकता है। टीम के डायरेक्टर जिमी चिन ने कहा, “यह सैंडी के अंत तक पहुंचने का पहला वास्तविक प्रमाण है।”
Andrew ‘Sandy’ Irvine’s boot has just been discovered on Everest.
He was an inexperienced yet very strong and motivated climber. He perished 100 years ago on Everest with George Mallory.
Here’s the centenary podcast:
🎧: https://t.co/H6KJGydgSf pic.twitter.com/5i1NVkY6wn
— Dan Snow (@thehistoryguy) October 11, 2024
जिमी चिन के अनुसार, “जब कोई गायब होता है और उसके बारे में कोई सबूत नहीं होता, तो यह परिवारों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह जानकारी पर्वतारोहण समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है। खोज के कुछ दिन पहले, टीम ने 1933 के एवरेस्ट अभियान से एक ऑक्सीजन सिलेंडर भी खोजा था। उस दौरान, एक आइस एक्स जो इरविन का था, मिलने के बाद टीम को विश्वास हुआ कि वे इरविन के शरीर के करीब पहुंच रहे हैं।
इरविन के परिवार ने क्या कहा?
जैसे ही खोज की जानकारी इरविन के परिवार को दी गई, उनकी भतीजी जूली समर्सने कहा कि यह उनके लिए “असाधारण और भावनात्मक क्षण” था। समर्स ने कहा, “मैंने इस कहानी के साथ तब से जी रही हूं जब मैं 7 साल की थी। जब जिमी ने मोजे पर नाम देखा, तो मैं भावुक हो गई।” जूली समर्सने ने इरविन पर एक किताब भी लिखी है।
परिवार कराएगा डीएनए टेस्ट
जूली समर्स ने कहा, “मैंने इस कहानी को बचपन से सुना है। जब जिमी ने मोजे पर नाम देखा, तो मैं भावुक हो गई। यह एक अद्भुत और संजीवनी क्षण था। इरविन परिवार अब इस अवशेष की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण करवाने की योजना बना रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज केवल परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे पर्वतारोहण समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। रॉयल ज्योग्राफिकल सोसाइटी के प्रोफेसर जो स्मिथ ने कहा, “सैंडी ने एवरेस्ट और हिमालय पर हमारे ज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके अवशेषों की खोज उनके रिश्तेदारों और पर्वतारोहण समुदाय के लिए एक प्रकार की समाप्ति लेकर आई है।”इस खोज ने न केवल सैंडी और मैलोरी के रहस्य को सुलझाने की संभावना को उजागर किया है, बल्कि पर्वतारोहण की दुनिया में एक नई ऊर्जा और जिज्ञासा भी पैदा की है।