दिसपुर: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ऐलान किया है कि राज्य के 41 ऑनलाइन ट्रेडिंग से जुड़े वित्तीय घोटालों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई करेगी।
सीएम ने कहा है कि राज्य के बड़े पैमाने के घोटाले की निष्पक्ष और गहन जांच के लिए यह कदम उठाया गया है। इसकी जानकारी सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है।
सरमा ने कहा है कि असम सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपने के लिए सहमति पत्र भी सौंपा है। यह पत्र दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 के तहत सीबीआई को यह अधिकार देती है कि वह 41 मामलों की आगे जांच करे।
यही नहीं यह पत्र सीबीआई की शक्तियों को भी विस्तार करता है। यह एजेंसी को केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पब्लित सेक्टर अंडरटेगिंक और अन्य लोगों के अपराध में शामिल होने की जांच करने का भी अधिकार देता है।
हालांकि इस पत्र में यह शर्त रखा गया है कि असम राज्य सरकार के कर्मचारियों से जुड़े मामलों की जांच के लिए राज्य की अनुमति की आवश्यकता होगी।
असम के सीएम ने क्या कहा है
मामले में बोलते हुए शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है, ‘‘ऑनलाइन शेयर कारोबार घोटाले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए, हमने भारत सरकार से सभी 41 पंजीकृत मामलों को औपचारिक रूप से सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया था।’’
बता दें कि राज्य के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा के पास राज्य का गृह प्रभार भी है। ऐसे में सरमा ने यह भी कहा है,‘‘सीबीआई आधिकारिक रूप से इस मामले को अपने हाथ में ले रही है और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी कि जल्द से जल्द न्याय मिले।’’
एक महीने के भीतर ही शुरू होगी जांच
असम पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को सभी मामलों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक महीने के अंदर इसकी जांच शुरू हो जाएगी। इससे पहले सितंबर में असम के कैबिनेट ने घोटाले से जुड़े 32 मामलों को सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया था।
इसके बाद अब जाकर इसे सीबीआई को सौंपने का ऐलान हुआ है। इससे पहले मुख्य सचिव रवि कोटा ने भी इस मामले पर सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद से बात की थी। सूद ने तब यह विश्वास दिलाया था कि एजेंसी के केस को हाथ में लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
असम में ऑनलाइन ट्रेडिंग से जुड़े वित्तीय घोटालों की जानकारी अगस्त के महीने में सामने आई थी। मामले का खुलासा तब हुआ था जब 29 साल के दीपांकर बर्मन की कंपनी में पैसा लगाने वालों लोगों ने शिकायतें की थी।
कंपनी में पैसा लगाने वालों ने दावा किया था कि वादे के हिसाब से उन्हें उनके पैसों के बदले में कोई भी रिटर्न नहीं मिला है। उन लोगों ने यह भी कहा था कि बर्मन का कार्यालय 21 अगस्त से बंद भी है। मामले के सामने आने के बाद बर्मन फरार है।
केवल बर्मन ही नहीं बल्कि राज्य में इस तरह के कई और कंपनियों पर इस तरह के आरोप लगे हैं। आरोप है कि इन कंपनियों ने यह लोगों को शेयर ट्रेडिंग में अच्छी रिटर्न का लालच देकर उनसे भारी रकम वसूले थे। लेकिन वादे के हिसाब से वे बाद में रिटर्न देने में विफल रहें। इन कंपनियों में पैसे लगाने वालों में अधिकतर युवा हैं।
मामला जब तूल पकड़ा तो इसकी जांच शुरू हुई थी। मामले में असम के कई जिलों में अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम 2019 के अलावा भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसकी सही से जांच के लिए 14 विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया था। इन घोटालों में अब तक 65 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन गिरफ्तारियों में 22 साल के असमिया अभिनेत्री और कोरियोग्राफर शामिल है।
इसके आलावा सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर सुमी बोरा और उसका फोटोग्राफर पति तार्किक बोरा को भी गिरफ्तार किया गया है।