गुवाहाटीः नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने ब्रिटेन में एक नगा मानव खोपड़ी की नीलामी को रोकने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। रियो ने इस नीलामी को “मानवता का अपमान” और “नगाओं पर उपनिवेशवाद के निरंतर अत्याचार” के रूप में वर्णित किया है।
विभिन्न वैश्विक संस्कृतियों से संबंधित मानवविज्ञान और पुरातत्व को सहेजने वाले ऑक्सफोर्ड के पिट रिवर्स म्यूजियम ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि “हमें बताया गया है कि नगा पूर्वजों के अवशेष अब नीलामी से हटा दिए गए हैं।”
FNR condemns auction of ancestral Naga human remains in UK; CM seeks MHA’s intervention https://t.co/XaMWF1qwHB
UPDATE: We have been advised that the Naga ancestral remains have now been withdrawn from tomorrow’s sale.
— Pitt Rivers Museum (@Pitt_Rivers) October 8, 2024
पिट रिवर्स म्यूजियम की निदेशक लौरा वैन ब्रोकहोवेन ने भी एक्स पर एक अन्य पोस्ट में स्वान फाइन आर्ट से आग्रह किया कि न सिर्फ नगा बल्कि शुआर, दयाक, कोटा, फॉन, विलि और अन्य समुदायों जैसे पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीप, नाइजीरिया, कांगो, इक्वाडोर, नागालैंड, बेनिन आदि के लोगों के मानव और पूर्वजों के अवशेषों को नीलामी से तुरंत हटा लिया जाए।
कैलिफोर्निया में स्थित नगा मानवविज्ञानी प्रोफेसर डॉली किकोन ने सोमवार को इस नीलामी को एक्स पर हाइलाइट करते हुए कहा, “नगा पूर्वजों के मानव अवशेष अभी भी 21वीं सदी में संग्रहणीय वस्तुएं बने हुए हैं।” उन्होंने 19वीं सदी की सींग वाली नगा मानव खोपड़ी का जिक्र किया था।
‘फोरम फॉर नागा रिकंसिलिएशन’ दी सूचना
नेफियू रियो ने जयशंकर को लिखे पत्र में बताया कि चर्च नेताओं और नागा समाज के प्रतिनिधियों के संगठन ‘फोरम फॉर नागा रिकंसिलिएशन’ (FNR) द्वारा उन्हें सूचित किया गया था कि नगा मानव अवशेषों की नीलामी ब्रिटेन में की जा रही है।
इस मामले ने नागालैंड और देशभर में नाराजगी पैदा कर दी है, क्योंकि इसे नगा समुदाय के लिए एक गंभीर सांस्कृतिक अपमान और औपनिवेशिक इतिहास का दुखद प्रतीक माना जा रहा है। नागा समाज और अन्य संगठनों ने इसे रोकने के लिए सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील की है।