बेरूतः इजराइल लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर लगातार हवाई हमले कर रहा है। शुक्रवार को इजराइली सेना ने बेरूत में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया था जिसमें संगठन के चीफ हसन नसरल्लाह की मौत का दावा किया जा रहा है। हालांकि इस बीच मीडिया रिपोर्टों में नसरल्लाह के एक करीबी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हसन जिंदा है और वह सुरक्षित हैं। उसने उसकी मौत की खबरों का खंडन किया है।
बता दें कि इजराइल ने शुक्रवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हमला किया। इस हमले का लक्ष्य हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह थे। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि नसरल्लाह इस हमले में बचे हैं या नहीं। लेकिन इजराइली सेना ने दावा किया है कि नसरल्लाह की मौत हो चुकी है।
इसराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हागरी ने सैन्य कार्रवाई के तुरंत बाद एक टीवी बयान में कहा, “इसराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन के केंद्रीय मुख्यालय पर सटीक हमला किया है…हमने अपने लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि इसराइली परिवार सुरक्षित रूप से अपने घरों में रह सकें।” यह हमला लेबनान की राजधानी के दहिये इलाके में हुआ था।
The Israeli @IDF confirms that Hassan Nasrallah, the leader of the Hezbollah terrorist organization and one of its founders, was eliminated yesterday, together with Ali Karki, the Commander of Hezbollah’s Southern Front, and additional Hezbollah commanders.
Nasrallah will no… pic.twitter.com/1ovmoTh183
— Israel Foreign Ministry (@IsraelMFA) September 28, 2024
ईरान के साथ हिजबुल्लाह का है गहरा नाता
मध्य पूर्व में ईरान समर्थित समूहों जैसे हमास, हिजबुल्लाह और हूती को अक्सर ईरान के प्रॉक्सी कहा जाता है, लेकिन हिजबुल्लाह का ईरान के साथ संबंध सबसे गहरा है। अगर नसरल्लाह की हत्या की पुष्टि हो जाती है, तो यह ईरान के लिए हमास के पूर्व प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्या से भी बड़ा झटका होगा।
हमास और हिजबुल्लाह में एक बड़ा अंतर यह है कि जहां हमास की स्थापना फिलिस्तीनी और मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड के माध्यम से हुई, वहीं हिजबुल्लाह को 1982 में ईरान ने बनाया था। ईरानी क्रांतिकारी गार्ड्स (IRGC) ने हिजबुल्लाह की विचारधारा, वित्तीय सहायता और सैन्य प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हिजबुल्लाह का ईरान के साथ वैचारिक और सैन्य जुड़ाव इसे हमास से अलग करता है। ईरान और हिजबुल्लाह की रणनीति केवल इजराइल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर अमेरिका और अन्य देशों के खिलाफ भी है।इसलिए, हिजबुल्लाह के नेता की हत्या से ईरान को कहीं अधिक बड़ा आघात पहुंचेगा, क्योंकि हिजबुल्लाह ईरान की विचारधारा और आईआरजीसी का विस्तार है, जबकि हमास एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी संगठन है।
कौन हैं हसन नसरल्लाह?
हसन नसरल्लाह का जन्म 31 अगस्त 1960 को बेरूत के उत्तरी इलाके बुर्ज हमूद में हुआ था। एक गरीब दुकानदार के बेटे नसरल्लाह के आठ भाई-बहन हैं। फरवरी 1992 से, नसरल्लाह हिजबुल्लाह के महासचिव के रूप में संगठन का नेतृत्व कर रहा है। 64 वर्षीय नसरल्लाह हिजबुल्लाह का तीसरा नेता है और उसने अब्बास अल-मुसावी की जगह ली थी, जिसे इसराइल ने मार दिया था।
2014 के एक साक्षात्कार में उसने यह तो स्वीकार किया कि वह अक्सर अपने सोने के स्थान को बदलते रहता है, लेकिन बंकर में रहने की बात से इनकार किया था। उसने लेबनानी अखबार अल-अखबार से कहा था, “सुरक्षा के उपायों का उद्देश्य है कि मेरी गतिविधियां गुप्त रहें, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं इधर-उधर नहीं जाता या हालात का जायजा नहीं लेता।”
हाल के वर्षों में उससे मिलने वाले अधिकारियों और पत्रकारों ने बताया कि उन्हें यह नहीं बताया गया था कि उन्हें कहाँ ले जाया जा रहा है और उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पिछले दो दशकों में उसके अधिकतर भाषण एक गुप्त स्थान से रिकॉर्ड और प्रसारित किए जाते हैं।
नसरल्लाह को एक ‘प्रतिभाशाली’ वक्ता माना जाता है। वह शादीशुदा है और उसके चार बच्चे हैं। उसका सबसे बड़ा बेटा, जो हिज़बुल्लाह का लड़ाका था, की सितंबर 1997 में इसराइल द्वारा हत्या कर दी गई थी।
नसरल्लाह कहाँ हैं, हिजबुल्लाह ने क्या कहा?
शुक्रवार के हमलों के बाद, नसरल्लाह के हालात के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, और सूत्रों का कहना है कि वे पहुंच से बाहर हैं। हिज़बुल्लाह ने दावा किया है कि उनके नेता “ठीक और सुरक्षित” हैं। हिजबुल्लाह के मीडिया संबंध अधिकारी हाजी मोहम्मद अफीफ ने कहा कि “सचिव-जनरल सुरक्षित हैं और उस स्थान पर नहीं थे जिसे निशाना बनाया गया था।”
ईरान की ‘आपातकालीन बैठक’
शुक्रवार रात को, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने सर्वोच्च राष्ट्रीय परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाई। जुलाई के बाद से यह पहली बार था जब खामेनेई ने यह बैठक की, जो राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों को देखते हुए विदेश तथा राष्ट्रीय नीति को आकार देती है।
इजराइल के लेबनान पर हवाई हमले
इजराइल की सेना ने 27 सितंबर को दावा किया है कि उसकी वायु सेना ने लेबनान में 220 हवाई हमले किए, जिनमें हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया गया। सेना के बयान के अनुसार, इन हमलों में हिजबुल्लाह के इन्फ्रास्ट्रक्चर, हथियारों के ठिकानों और लॉन्चरों को तबाह किया गया है। इसके अलावा, सेना ने हिजबुल्लाह के आतंकवादियों पर भी हमले किए।
इजराइल का कहना है कि वह हिजबुल्लाह की ताकत और बुनियादी ढांचे को कमजोर करने के अपने अभियान को जारी रखे हुए है। इस बीच, सीरियाई विदेश मंत्रालय ने बताया कि लेबनान के यूनीन क्षेत्र में एक इजराइली हवाई हमले में 23 सीरियाई शरणार्थियों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। बयान में इजराइल पर निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया।
इजराइल ने इस बात का खंडन किया है कि वह हिज़बुल्लाह के साथ किसी युद्धविराम पर सहमत हुआ है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने कहा कि “युद्धविराम की खबरें झूठी हैं।” पिछले कुछ दिनों में इजराइल के हवाई हमलों में 650 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 2,000 से अधिक घायल हुए हैं।