बेंगलुरु: कर्नाटक के परिवहन और मुजराई मंत्री आर. रामलिंगा रेड्डी ने राज्य के सभी मुजराई मंदिरों को नंदिनी घी इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। यह आदेश आंध्र प्रदेश की लोकप्रिय तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी पाए जाने की लैब टेस्ट में पुष्टि के बाद दी गई है।
हालांकि राज्य सरकार को कर्नाटक के किसी भी मंदिर से इस तरह की शिकायत नहीं आई है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
मंत्री आर. रामलिंगा रेड्डी ने आदेश दिया है कि राज्य के सभी मुजराई मंदिरों के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी की आपूर्ति कर्नाटक सहकारी दुग्ध संघ (केएमएफ) करेगी।
नंदिनी घी केएमएफ का एक प्रोडक्ट है और यह कर्नाटक का प्रमुख डेयरी ब्रांड है। यह ब्रांड बाजार पहुंच और कारोबार में अमूल दूध के बाद दूसरे स्थान पर है। पूरे भारत में अमूल ब्रांड काफी फेमस हैं और यह भारत का नंबर वन ब्रांड माना जाता है।
आदेश पर क्या बोले परिवहन और मुजराई मंत्री
कर्नाटक में हर छोटे और बड़े सैकड़ों मंदिरों को मुजराई विभाग द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं। इन मंदिरों में प्रसाद और अन्य भोजन को तैयार करने के लिए भारी मात्रा में घी का इस्तेमाल होता है।
शुक्रवार को परिवहन और मुजराई मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के अधिकतर मंदिरों में पहले से ही नंदिनी उत्पादों का उपयोग होता है। लेकिन जब से तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवारों के चर्बी पाए जाने का खुलासा हुआ है, उस विवाद को देखते हुए राज्य सरकार भक्तों के मन में किसी किस्म का संदेह नहीं रखना नहीं चाहते हैं।
इसे देखते हुए राज्य के सभी मंदिरों को यह नंदिनी ब्रांड का घी इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया है।
केएमएफ आपूर्ति कर रहा तिरुपति को घी
इससे पहले तिरुपति मंदिर में केएमएफ नंदिनी घी का सप्लाई करता था। लेकिन तीन साल पहले नंदिनी घी के बढ़े हुए दाम का हवाला देकर पहले की आंध्र प्रदेश सरकार ने नंदिनी घी खरीदना बंद कर दिया था।
उस समय जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने यह तर्क दिया था कि नंदिनी जिस दाम में घी बेच रही है उससे सस्ता अन्य ब्रांड उन्हें घी मुहैया करा रहे हैं। ऐसे में वे नंदिनी के घी लेना बंद कर दिए थे। इसी साल आंध्र प्रदेश में सीएम चंद्रबाबू नायडू की सरकार आने के बाद तिरुपति मंदिर में फिर से नंदिनी घी की आपूर्ति शुरू हो गई है।
डिलीवरी गाड़ियों में केएमएफ लगाएगा जियो-पोजिशनिंग सिस्टम
बता दें कि प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में घी की आपूर्ति अभी केएमएफ करता है। मंदिर के लड्डू में घटिया घी के इस्तेमाल के बाद खड़ा हुए विवाद को देखते हुए केएमएफ ने टीटीडी को सप्लाई करने वाली नंदिनी घी की निगरानी की बात कही है। केएमएफ ने घी को डिलीवरी करने वाले गाड़ियों को जियो-पोजिशनिंग सिस्टम लगाने का फैसला किया है।
केएमएफ के प्रबंध निदेशक एमके जगदीश ने कहा है कि मंदिर को 350 टन घी की आपूर्ति करने के लिए केएमएफ को नया टेंडर मिला है। इस टेंडर के मिलने के बाद पिछले महीने डिलीवरी फिर से शुरू की गई है।
ऐसे में डिलीवरी की गाड़ियों में किसी किस्म की छेड़छाड़ न हो और उसमें किसी किस्म की मिलावट न हो, इसे रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है।
कर्नाटक में हैं 34,563 मंदिरें
कर्नाटक में मुजराई विभाग के अंतर्गत करीब 34,563 मंदिर आते हैं। इन मंदिरों को उनके आय के आधार पर बांटा गया है और उन्हें ग्रेड ए, ग्रेड बी और ग्रेड सी कैटेरी के तौर पर अलग-अलग किया गया है।
राज्य के 34,563 मंदिरों में से 201 मंदिरों को ग्रेड ए में रखा गया है जिनकी आय 25 लाख से ज्यादा है। वहीं 130 मंदिरों को ग्रेड बी में रखा गया है जिनकी आय 25 लाख से कम है। बाकी बचे 34,223 मंदिरों को ग्रेड सी में रखा गया है जिनकी आय पांच लाख से ज्यादा नहीं है।