नई दिल्लीः आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है। मामले के सामने आने के बाद देश के साधु-संतों में रोष देखने को मिल रहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार (20 सितंबर) को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से बातचीत की और मामले पर एक पूर्ण रिपोर्ट मांगी। नड्डा ने बताया कि इस मामले की जांच भारत के खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
नड्डा ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे के बारे में पता चला। मैंने आज चंद्रबाबू नायडू से बात की और पूरी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा।” उन्होंने कहा, “एक बार जब हमें रिपोर्ट मिल जाएगी, तो इसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री चद्रबाबू नायडू ने पहले आरोप लगाया था कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू के उत्पादन में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। इस दावे ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया, जिसके बाद युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए ‘घृणित आरोप’ लगाने की बात कही। जबकि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए एक लैब रिपोर्ट प्रसारित की।
मुख्यमंत्री नायडू के आरोपों पर जगमोहन रेड्डी ने क्या कहा?
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने जगमोहन रेड्डी ने टीडीपी के रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि यह रिपोर्ट जुलाई की है, जब एन. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। रेड्डी ने कहा, “हमें पता चला कि घी की गुणवत्ता खराब थी और हमने तुरंत मुख्यमंत्री को सूचित किया।” उन्होंने बताया कि उनके शासन में सप्लायर चुनने के दौरान सभी नियमों का पालन किया गया था।
रेड्डी ने कहा कि “हर छह महीने में टेंडर प्रक्रिया होती है और पिछले कई दशकों से योग्यताओं के मानदंड नहीं बदले हैं। सप्लायर को एनएबीएल प्रमाण पत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाण पत्र देना होता है। तिरुपति तिरुमला देवस्थानम (टीटीडी) घी के सैंपल इकट्ठा करता है, और केवल वे उत्पाद इस्तेमाल होते हैं जो प्रमाणन में पास होते हैं। टीडीपी धार्मिक मामलों को राजनीतिक बना रहा है। हमने अपने शासन में 18 बार उत्पादों को अस्वीकार किया है।”
रेड्डी ने इस मामले पर आगे कहा, मैं प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख रहा हूं। इन पत्रों में, मैं बता रहा हूं कि चंद्रबाबू नायडू ने तथ्यों को कैसे तोड़ा-मरोड़ा है और क्यों उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
देशभर के साधु संतों में रोष
उधर, मामले को लेकर देशभर के साधु संत काफी नाराज हैं। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा “आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर जो रहस्योद्घाटन किया है, वो बहुत ही गंभीर धार्मिक अपराध है। जगन मोहन रेड्डी की सरकार में प्रसाद में जानवरों की चर्बी से बनी घी का उपयोग किया जा रहा था। अखिल भारतीय संत समिति का मानना है कि मठ, मंदिर चलाना सरकार का काम नहीं है। लेकिन देश के चार लाख मंदिर इनके कब्जे में हैं। प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाना धार्मिक रूप से अक्षम्य और बहुत बड़ा अपराध है। यह षड्यंत्र है। इस बात के उजागर के लिए हम चंद्रबाबू नायडू के सरकार की प्रशंसा करते हैं।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस घटना पर कहा कि इस तरह के बर्ताव को अब साधु संत कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। आंध्र प्रदेश में जो घटना हुई है, वह बहुत ही घिनौनी घटना है, इस तरह के घटना को अंजाम देने वाला देशद्रोही हैं। करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचा है। इसकी जांच होनी चाहिए और अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।
अयोध्या से बाल संत दिवाकराचार्य ने इस मुद्दे पर कहा, जिन लोगों ने ये अपराध किया है, उसकी जांच होनी चाहिए। लड्डू में मांस मिलाना, जिहाद को बढ़ावा देना गलत है। ऐसे किसी के धर्म को भ्रष्ट नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को बड़ा कानून लाना चाहिए।
बीते दिनों राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। एनडीडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति मंदिर में लड्डुओं का प्रसाद तैयार किया जाता है, उसमें बीफ की चर्बी, दूसरे जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला है। ये सब कुछ उस घी में मिला है, जिससे लड्डू तैयार किया जाता है। हैरान करने वाली बात यह है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं को ना सिर्फ श्रद्धालुओं को बांटा गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता रहा।
आईएएनएस इनपुट के साथ