मेरठः शनिवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ में लोहिया नगर के जाकिर कॉलोनी में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां एक तीन मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इस हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लोग घायल हुए हैं। इमारत के गिरने से क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल है।
घटना का विवरण
मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट दीपक मीणा ने बताया कि मृतकों में एक पुरुष, तीन महिलाएं और छह बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा, “शनिवार को मेरठ की जाकिर कॉलोनी में अचानक तीन मंजिला इमारत ढह गया था। इसके बाद मौके पर पहुंच बचाव अभियान शुरू किया गया। शनिवार से अब तक 10 लोगों के शवों को बरामद कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त मकान में 15 लोग मौजूद थे, जिनमें से तीन लोगों को पहले ही सुरक्षित बाहर निकाला गया था, लेकिन 12 लोग मलबे में फंस गए। डीएम ने बताया कि मलबे में फंसे 12 लोगों में से एक पुरुष समेत 10 लोगों की मौत हो गई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया है। खबरों की मानें तो मरने वाले 10 लोग एक ही परिवार के थे।
#WATCH उत्तर प्रदेश: सूचना विभाग के अनुसार, कल मेरठ की जाकिर कॉलोनी में तीन मंजिला इमारत गिरने से फंसे 15 लोगों में से 13 को बचा लिया गया है और उनमें से 8 की मौत हो गई है। बचाव कार्य जारी है। pic.twitter.com/X1GM14XBIk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 15, 2024
डीएम ने बताया कि बचाए गए मवेशियों और मरने वालों की संख्या अभी तक स्पष्ट नहीं है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का बचाव अभियान जारी है, जो मलबा हटाने तक चलता रहेगा।
मौके पर राहत और बचाव अभियान
घटनास्थल पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालना है। प्रशासन ने घटना के बाद राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और पूरी कोशिश की जा रही है कि किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सके।
हादसे की क्या वजह रही?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इमारत पुरानी थी और हाल ही में हो रही भारी बारिश के चलते कमजोर हो गई थी। जिलाधिकारी मीणा ने बताया कि तेज धमाके के साथ इमारत का गिरना शुरू हुआ, जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर चल रही डेयरी और उसमें रखे मवेशी भी दब गए। इमारत के मालिक अलाउद्दीन, जो वहां डेयरी चला रहे थे, हादसे के वक्त भी वहीं मौजूद थे। हादसे के सही कारणों का पता विस्तृत जांच के बाद ही चल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य तेज करने और घायलों के उचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
जांच के आदेश
जिलाधिकारी ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि यह पता चल सके कि भारी बारिश के अलावा इमारत के ढहने के और भी कारण थे या नहीं।
स्थानीय निवासियों में भय
इस हादसे के बाद स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है, क्योंकि इलाके की कई और इमारतें भी पुरानी हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी जर्जर इमारत में रहने से पहले उसकी स्थिति का मूल्यांकन करवा लें।
लखनऊ में भी हुआ था ऐसा ही हादसा
गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले (7 सितंबर) लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में ऐसा ही हादसा हुआ था। तीन मंजिला इमारत के गिरने से 8 लोगों की जान चली गई थी। अधिकारियों के अनुसार, इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर मोटर वर्कशॉप और गोदाम था। पहली मंजिल पर मेडिकल गोदाम और दूसरी मंजिल पर कटलरी का गोदाम था। हादसे के बाद बिल्डिंग के मालिक राकेश सिंघल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। वहीं मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 सदस्यीय टीम का गठन किया है। मौके पर पहुंची जांच टीम के मुताबिक इमारत बनाने में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा था।