माले: मालदीव सरकार के दो जूनियर मंत्रियों ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया है। हालांकि मंत्रियों के इस्तीफे के कारण का अभी खुलासा नहीं हो पाया है। इन मंत्रियों द्वारा पूर्व में पीएम मोदी के लिए अपमानजनक टिप्पणी किया गया था जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
मंत्री मालशा शरीफ और मरियम शिउना का इस्तीफा उस समय आया है जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। हालांकि वे भारत कब आ रहे हैं, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।
बता दें कि मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव के राष्ट्रपित बनने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव पैदा हुआ था। इन तनावों के बावजूद मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के लिए एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी बना हुआ है।
बहुत पहले से भारत और मालदीव के रिश्ते काफी अच्छे थे और मालदीव के पिछली सरकार में खासकर राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व में रक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बने थे।
मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा से पहले अगस्त में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव का दौरा किया था। जयशंकर की यह यात्रा राष्ट्रपित मुइज्जू के पद संभालने के बाद भारत की ओर से यह एक पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी।
राष्ट्रपति के भारत दौरे पर मालदीव ने क्या कहा है
बुधवार को राष्ट्रपति कार्यालय के मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने मोहम्मद मुइज्जू के भारत दौरे पर बोलते हुए कहा है कि वह जल्द ही भारत जाने वाले हैं। हीना ने कहा है कि अभी तारीखों का फैसला नहीं हुआ है और इस तरीके के दौरे दोनों नेताओं के समय के देखते हुए फैसला लिया जाता है।
अपने चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू दूसरी बार भारत आने वाले हैं। इससे पहले वे पीएम मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर जून के महीने में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वे भारत आए थे।
मोहम्मद मुइज्जू और भारत के रिश्तें
पिछले साल नवंबर में मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव की सत्ता संभाली थी। मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद से मालदीव के साथ भारत के संबंधों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
सत्ता संभालने के कुछ घंटे बाद ही मोहम्मद मुइज्जू ने भारत द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफार्मों से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी की मांग थी। दोनों देशों के बीच काफी चर्चा के बाद मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाकर स्थानीय लोगों को रखा गया था।
यही नहीं इससे पहले जब कभी मालदीव की सत्ता कोई राष्ट्रपति संभालता था तब वह सबसे पहले भारत का रूख करता था। लेकिन जब पिछले साल मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव क सत्ता संभाली थी तब वे सबसे पहले तुर्की की और फिर चीन की यात्रा की थी।
दोनों देशों के बीच कैसे बढ़ा था तनाव
दोनों देशों के बीच हालात तब और बिगड़ गए थे जब इसी साल जनवरी में मालदीव के तीन उपमंत्रियों ने भारत और प्रधान मंत्री मोदी के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी।
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने उनकी टिप्पणियों से दूरी बनाते हुए कहा कि उनके विचार माले सरकार की विचार नहीं है और तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था। इन तीन मंत्रियों में से दो मंत्रियों ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
मंत्रियों द्वारा यह बयान तब दिया गया था जब पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही थी। भारत ने इन टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और पर्यटन पर ज्यादा निर्भर रहने वाले देश मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई थी। यह गिरावट पिछले कई महीनों तक देखी गई है।