नई दिल्ली/ लखनऊः अमेरिका दौरे पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। उनके इस बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है।
राहुल गांधी की ओर से दिए गए बयान के बाद से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती लगातार हमलावर हैं। मायावती ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में नहीं होती है तो उपेक्षित एससी, एसटी और ओबीसी के वोट की खातिर हितैषी बन जाती है। सत्ता में रहते हुए इनके खिलाफ काम करती है।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अब यह सफाई कि वे आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं स्पष्टतः गुमराह करने वाली गलतबयानी है। केंद्र में बीजेपी से पहले इनकी 10 साल रही सरकार में उनकी सक्रियता में इन्होंने सपा के साथ मिलकर एससी/एसटी का पदोन्नति में आरक्षण बिल पास नहीं होने दिया इसका यह प्रमाण।”
1.कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी की अब यह सफाई कि वे आरक्षण के विरुद्ध नहीं हैं स्पष्टतः गुमराह करने वाली गलतबयानी। केन्द्र में बीजेपी से पहले इनकी 10 साल रही सरकार में उनकी सक्रियता में इन्होंने सपा के साथ मिलकर SC/ST का पदोन्नति में आरक्षण बिल पास नहीं होने दिया इसका यह प्रमाण।
— Mayawati (@Mayawati) September 11, 2024
उन्होंने आगे कहा, “इनके द्वारा देश में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात भी छलावा है, क्योंकि इस मामले में अगर इनकी नीयत साफ होती तो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में यह कार्य जरूर कर लिया गया होता। कांग्रेस ने न तो ओबीसी आरक्षण लागू किया और न ही एससी/एसटी आरक्षण को सही से लागू किया।”
2. इनके द्वारा देश में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात भी छलावा, क्योंकि इस मामले में अगर इनकी नीयत साफ होती तो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में यह कार्य जरूर कर लिया गया होता। कांग्रेस ने न तो ओबीसी आरक्षण लागू किया और न ही SC/ST आरक्षण को सही से लागू किया।
— Mayawati (@Mayawati) September 11, 2024
इसके अलावा मायावती ने कहा, “इससे स्पष्ट है कि जब कांग्रेस सत्ता में नहीं होती है तो इन उपेक्षित एससी/एसटी/ओबीसी वर्गों के वोट के स्वार्थ की खातिर इनके हित व कल्याण की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन जब सत्ता में रहती है तो इनके हित के विरुद्ध लगातार कार्य करती है। ये लोग इनके इस षडयंत्र से सजग रहें।”
राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर क्या कहा था?
कांग्रेस पार्टी के नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि “भारत जब न्यायसंगत स्थान बनेगा, तब आरक्षण खत्म करने पर विचार किया जाएगा, लेकिन अभी ऐसा नहीं है।” यह बयान उन्होंने वाशिंगटन डी.सी. स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों से बातचीत के दौरान दिया।
आरक्षण पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “हम आरक्षण खत्म करने पर तभी सोच सकते हैं, जब भारत एक निष्पक्ष जगह बनेगा। लेकिन अभी ऐसा नहीं है।” उन्होंने आर्थिक आंकड़ों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि “आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 5 रुपए और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को भी लगभग इतना ही मिलता है। इससे यह साफ है कि उन्हें सही हिस्सेदारी नहीं मिल रही है।”
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि “भारत की 90% आबादी अवसरों से वंचित है। अगर आप देश के बड़े उद्योगपतियों की सूची देखें, तो उसमें आदिवासी, दलित या ओबीसी का नाम शायद ही मिलेगा। टॉप 200 उद्योगपतियों में से सिर्फ एक ओबीसी हैं, जबकि ओबीसी देश की आधी आबादी का हिस्सा हैं। लेकिन हम इस समस्या का इलाज नहीं कर रहे हैं।”
आरक्षण के अलावा, राहुल गांधी ने कहा कि यह समस्या का एकमात्र हल नहीं है। कई ऊंची जातियों के लोग यह पूछते हैं कि हमने क्या गलत किया है, और हमें सजा क्यों दी जा रही है? ऐसे में, हमें इन चीजों की सप्लाई बढ़ाने, सत्ता का विकेंद्रीकरण करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को देश की प्रशासनिक व्यवस्था में शामिल करने के बारे में सोचना चाहिए।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब तक भारत में अवसरों के दरवाजे बंद रहेंगे, तब तक सामान्य वर्ग के लोगों के लिए अडानी या अंबानी बनने का रास्ता नहीं खुलेगा। इन दरवाजों को खोलने की जरूरत है।
भाजपा ने क्या कहा?
राहुल के आरक्षण को लेकर दिए बयान पर भाजपा के कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनका पूर्वाग्रह सामने आ गया है। आरोप लगाया कि यह आरक्षण बाबा साहेब अंबेडकर की देन है और आरक्षण का विरोध करना राहुल गांधी की विरासत है। उनसे पहले जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी आरक्षण का विरोध कर चुके हैं।
उन्होंने राहुल गांधी के बयान पर अखिलेश यादव, लालू यादव, तेजस्वी यादव, लेफ्ट फ्रंट और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन एवं उनके अन्य सहयोगियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा आरक्षण समाप्त करने की कांग्रेस पार्टी की कोशिश का पूरा विरोध करेगी।
रविशंकर ने कहा कि राहुल गांधी संविधान की लाल किताब लेकर घूमते रहते हैं। लेकिन, संविधान को बचाने की दुहाई और दावा करने वाले राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा कि हम आरक्षण खत्म कर देंगे, जब स्थितियां बनेंगी। उनके दिल में जो आरक्षण के लिए पूर्वाग्रह है, वो सामने आ गया है। जिस संविधान को बचाने की बात वो करते हैं, उसी संविधान के साथ सबसे बड़ा छलावा और धोखा वो कर रहे हैं।
भाजपा उनके मंसूबे को नहीं होने देगी कामयाब: दुष्यंत गौतम
राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि उनके इस बयान से उनकी दोहरी सोच मालूम पड़ती है। जिस प्रकार से पूरे चुनाव के अंदर वह कहते रहे हैं कि भाजपा आएगी तो आरक्षण खत्म कर देगी, संविधान बदल देगी। हमारी पार्टी की तरफ से पीएम मोदी अनेकों बार कह चुके हैं कि आरक्षण अंबेडकर जी भी आकर खत्म नहीं कर सकते। आरक्षण हमारी प्रतिबद्धता है लेकिन, कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है। वह चुनाव में किस प्रकार से झूठ बोलकर जनता को बरगलाने का काम कर चुकी है।
दुष्यंत कुमार ने आगे कहा कि यह पहली बार नहीं है। जब जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय भी उन्होंने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था कि हम आरक्षण खत्म कर देंगे। धारा 370 के कारण कश्मीर के अंदर भी आरक्षण हमारे दलितों को नहीं मिलता था। आज उनको आरक्षण मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लाकर आरक्षण खत्म करने का जो षड्यंत्र विपक्ष रच रहा है, उसे भाजपा कामयाब नहीं होने देगी।
उन्होंने आगे कहा कि आरक्षण छुआछूत पर आधारित है और छुआछूत जब तक रहेगी जब तक आरक्षण रहेगा, इसका आधार आर्थिक नहीं है। भाजपा राहुल गांधी के इस झूठ की राजनीति का पर्दाफाश करेगी।
आरक्षण समाप्त करना तो दूर, सोचना भी अपराध है
उधर, राहुल गांधी के बयान पर एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने कड़ी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि आरक्षण खत्म करना तो दूर, ऐसा सोचना भी अपराध है। चिराग ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ है। कांग्रेस चाहती है, और उनकी प्राथमिकताओं में यह रहा है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए। आरक्षण को समाप्त करना तो दूर, कोई उस प्रावधान से छेड़छाड़ करने की भी नहीं सोच सकता। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जबतक मैं, और मेरी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) है तबतक न तो आरक्षण को कोई खतरा है और न ही संविधान को।
चिराग ने कहा कि आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस का चुनावी जुमला है, जिससे हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। केंद्र में लंबे अरसे तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ना तो जातीय जनगणना करा पाई और ना ही ओबीसी आरक्षण को ही लागू कर पाई। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सोच शुरू से आरक्षण विरोधी रही है। आरक्षण समाप्त करने की साजिश का दोषारोपण ये दूसरों पर करते हैं, जबकि हकीकत यह है कि ये मानसिकता इन लोगों की ही है।
आरक्षण समाप्त करना तो दूर, सोचना भी अपराध है राहुल गांधी जी !
आज राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ है। कांग्रेस चाहती है, और उनकी प्राथमिकताओं में यह रहा है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए। संवैधानिक…
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) September 10, 2024
बयान पर राहुल ने दी सफाई
गौरतलब हो कि आरक्षण पर दिए गए अपने बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं। मैं बार-बार यह कहता रहा हूं और कभी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा हूं। कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं।
–आईएएनएस इनपुट के साथ