कोलकाताः सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल और कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की मौत मामले में गैंगरेप की संभावना को खारिज कर दिया है। सबूतों के आधार पर सीबीआई ने कहा कि मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय ही रेप और हत्या में शामिल था।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और सीबीआई जल्द ही आरोप पत्र दाखिल करेगी। मामले की गंभीरता और देशभर में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए हाईकोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
वहीं सीबीआई पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी दबाव है, जो इस घिनौने अपराध को लेकर विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं की आलोचनाओं का सामना कर रही हैं। पिछले हफ्ते उन्होंने जांच में हो रही देरी को लेकर कहा था कि “मैंने पुलिस को जांच के लिए पांच दिन मांगे थे, लेकिन मामला सीबीआई को दे दिया गया। वे न्याय नहीं चाहते, वे देरी चाहते हैं।
टीएमसी नेता और राज्य मंत्री ब्रत्य बसु ने भी इस मामले में जल्द रिपोर्ट की मांग की है। उन्होंने कहा, “23 दिन हो गए हैं… लेकिन सीबीआई से कोई प्रगति रिपोर्ट नहीं आई है। हम जांच की विस्तृत रिपोर्ट की मांग करते हैं। जब कोलकाता पुलिस जांच कर रही थी, तब नियमित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपडेट दिए जाते थे।”
आरोपी संजय रॉय का डीएनए मैच
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आरोपी संजय रॉय का डीएनए मैच हो गया है। एनडीटीवी के मुताबिक सीबीआई ने संजय रॉय के डीएनए के साथ एक मेडिकल रिपोर्ट दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों को भेजी है। एजेंसी अब डॉक्टरों की अंतिम राय मिलने के बाद इस जांच को पूरा करने की कोशिश करेगी। वहीं इंडिया टीवी ने भी सूत्रों के हवाले से बताया है कि आरोपी का डीएनए मृतका से मैच हो गया है। सीएफएसएल विशेषज्ञों ने एक अलग डीएनए प्रोफाइलिंग की जिसकी रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी जाएगी।
100 से ज्यादा बयान दर्ज
सीबीआई ने अब तक 100 से ज्यादा बयान दर्ज किए हैं और 10 पॉलीग्राफ टेस्ट किए हैं, जिनमें पूर्व अस्पताल प्रमुख डॉ. संदीप घोष के भी दो टेस्ट शामिल हैं। सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिला है जिससे लगे कि इस डॉक्टर के रेप और हत्या में कोई और शामिल था। डॉक्टर का शव 9 अगस्त को सुबह अस्पताल के एक कमरे में मिला था।
एजेंसी ने अपनी ओर से तीन गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें सबसे बड़ी गिरफ्तारी डॉ. संदीप घोष की है। उन्होंने हत्या के कुछ दिनों बाद नैतिक कारणों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्हें एक और सरकारी अस्पताल का प्रमुख बना दिया गया था।
डॉ. घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी रेप और हत्या के मामले में नहीं, बल्कि आरजी कर अस्पताल में उनके कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय गड़बड़ियों के कारण हुई है। यह मामला अस्पताल के पूर्व कर्मचारी, डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली की याचिका पर आधारित है।
डॉक्टर घोष पर क्या आरोप हैं?
डॉ. घोष पर आरोप है कि उन्होंने बिना दावे वाले शवों को बेचा, बायोमेडिकल कचरे की तस्करी की, और दवाओं और मेडिकल उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं से कमीशन लेकर टेंडर पास किए। इसके अलावा, तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक सुरक्षा गार्ड भी शामिल है।
डॉ. घोष की गिरफ्तारी के बाद, बंगाल सरकार और राज्य के डॉक्टर संघ ने उन्हें निलंबित कर दिया है। इससे पहले उन्हें भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी निलंबित कर दिया था। सीबीआई संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रही है।
शुक्रवार सुबह (6 सितंबर) सीबीआई ने कोलकाता में डॉ. घोष के घर पर फिर से छापा मारा। सीबीआई 17 सितंबर को कलकत्ता हाई कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट पेश करने वाली है। जबकि अब ईडी ने भी उनके खिलाफ पीएमएलए का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ईडी ने भी शुक्रवार संदीप घोष के आवास और कोलकाता में कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की जिनमें हावड़ा, सोनापुर और हुगली शामिल है। हुगली में संदीप घोष के रिश्तेदारों का घर है। वहां भी ईडी ने छापेमारी की।
सुप्रीम कोर्ट से संदीप घोष को झटका
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार संदीप घोष की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। घोष ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का घोष को अधिकार नहीं है। घोष द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि वह जांच के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें आरजी कर बलात्कार की घटना से जोड़ना अन्याय है।
Supreme Court refuses to entertain former principal of Kolkata’s RG Kar Medical College Sandip Ghosh against Calcutta High Court decision ordering CBI probe into graft case against him.
Supreme Court says Ghos doesn’t have locus to intervene in public interest litigation… pic.twitter.com/WLOXRriMI6
— ANI (@ANI) September 6, 2024
आरजी कर अस्पताल की रेप-मर्डर केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इसको लेकर अभी भी प्रदर्शन हो रहे हैं। मामले में कई दावे और आरोप लगाए गए हैं, जिनमें से कई बिना सबूत के हैं, और डॉक्टर की मौत के पीछे साजिशों की बातें की गईं हैं।
ट्रेनी डॉक्टर के गैंगरेप की भी बात कही गई, हालांकि यह साबित नहीं हो सका। इसके अलावा, डॉक्टर के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हत्या को छिपाने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने सख्ती से नकार दिया है।
डॉक्टर के माता-पिता ने इस हफ्ते कहा कि उन्हें जबरदस्ती शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा, जबकि वे इसे संरक्षित रखना चाहते थे। डॉक्टर के पिता ने कहा कि करीब 300 पुलिसवालों ने हमें घेर लिया… उन्होंने ऐसा माहौल बना दिया..। हालांकि राज्य सरकार ने इन दावों को कड़ी प्रतिक्रिया दी है और विपक्ष पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है।
खैर, मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इस भयानक अपराध का शीर्ष अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया था और मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में इस मामले की सुनवाई कर रही है।