नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। शनिवार को सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी देनी की बात कही है। शनिवार शाम को केंद्रीय कैबिनेट ब्रीफिंग के बारे में बोलते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम भी शामिल है। यह स्कीम एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस स्कीम में कर्मचारियों के पास एनपीएस या फिर यूपीएस के बीच चयन करने का भी विकल्प मौजूद होगा।
गौर करने वाली बात यह है कि कई गैर-भाजपा शासित राज्यों के विरोध के बीच सरकार द्वारा यह ऐलान तब किया गया है जब एक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है।
रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है फैसला
नई पेंशन स्कीम में जरूरी सुधार और इसकी खामियों को दूर करने के लिए डॉ. सोमनाथ कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि केंद्र सरकार के लिए काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके नौकरी के बाद उन्हें दिए जाने वाले पेंशन को ध्यान में रखते हुए इस स्कीम को लाया जा रहा है। उनके अनुसार, इससे 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित यूपीएस का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन देना है।
क्या है यह योजना
योजना में क्या-क्या शामिल किया गया है, इस पर बोलते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, “पेंशनधारियों को 50 प्रतिशत एश्योर्ड पेंशन दी जाएगी। रिटायरमेंट के पहले के 12 महीना का एवरेज बेसिक पे का 50 प्रतिशत होगा। ये पेंशन 25 साल की सर्विस करने के बाद ही मिलेगी।
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा है कि, “एनपीएस की जगह अब सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानि यूपीएस ला रही है। सरकार ने ओपीएस की काट निकाली है।”
राज्य सरकारें यूपीएस चुनेगी तो क्या होगा
नई स्कीम के तहत, राज्य सरकारों को एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा। यदि राज्य सरकारें यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी। सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। पहले वर्ष में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपए होगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा है
नई योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना में कुछ बदलाव की मांग की थी। इसके लिए पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव टी.वी.सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति ने विभिन्न संगठनों और लगभग सभी राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं और इन सिफारिशों के आधार पर एकीकृत पेंशन योजना तैयार की गई है।”
अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि “विपक्ष सिर्फ ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लेकर राजनीति करता रहा है। दुनिया भर के देशों में क्या स्कीम है उनको देखने के बाद तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद इस कमेटी ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का सुझाव दिया। कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को अप्रूव कर दिया है। कर्मचारियों की तरफ से एश्योर्ड अमाउंट की मांग किया जा रही थी।”
पीएम मोदी ने क्या कहा है
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, “देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
भाजपा के राज्यसभा सांसद ने क्या कहा
वहीं इस ऐलान के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि आज देश भर के लाखों सरकारी नौकरी धारकों को यूपीएस के माध्यम से मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। यह स्कीम पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा लाभदायक है। हम झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से यह मांग करते है कि इस स्कीम को अपनाकर राज्य सरकार नौकरी धारकों को लाभान्वित करें।
बता दें कि केंद्र सरकार के इस कदम से 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। साथ ही अगर सभी राज्य इस विकल्प को चुनते हैं, तो देश भर के 90 लाख से अधिक सरकारी नौकरी धारकों को इसका लाभ मिलेगा।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ