वारसॉः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर वारसॉ पहुंच गए हैं। पिछले 45 वर्षों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड यात्रा है।
पीएम नरेंद्र मोदी का वारसॉ में औपचारिक स्वागत किया गया। वे गुरुवार को राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। उनका पोलैंड में भारतीय समुदाय से भी मिलने का कार्यक्रम है।
पीएम मोदी ने वर्ष 2001 में गुजरात भूकंप के दौरान पोलैंड द्वारा दी गई सहायता को भी याद किया। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के कई परिवारों और युवा अनाथों को बचाने में जामनगर के महाराजा द्वारा निभाई गई भूमिका को भी याद किया।
पोलैंड के वारसॉ में पहुंचने के बाद उन्होंने जाम साहब ऑफ नवानगर स्मारक का दौरा किया। उन्होंने यहां पुष्पांजलि भी अर्पित की। बता दें कि स्मारक जाम साहब दिग्विजय सिंह जी रणजीत सिंह जी को समर्पित है, जो नवानगर (अब जामनगर) के पूर्व महाराजा थे। 1942 में महाराजा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूएसएसआर से लाए गए शरणार्थी पोलिश बच्चों के लिए जामनगर में पोलिश चिल्ड्रन कैंप की स्थापना की थी।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड के वारसॉ में जाम साहब ऑफ नवानगर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। pic.twitter.com/cB7ReD88CI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 21, 2024
इसके अलावा वह वारसॉ में मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक का भी दौरा किया और पुष्पांजलि अर्पित की। मोंटे कैसिनो की लड़ाई द्वितीय विश्व युद्ध में 11 मई से 18 मई, 1944 तक लड़ी गई थी। पोलिश सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसके कारण 923 पोलिश सैनिक मारे गए।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड की अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान वारसॉ में मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए।
मोंटे कैसिनो की लड़ाई द्वितीय विश्व युद्ध में 11 मई से 18 मई, 1944 तक लड़ी गई थी। पोलिश सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा,… pic.twitter.com/7vtBB8CZxU
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विदेश मंत्रालय ने कहा, “पोलैंड में कई भारतीय कंपनियों की सक्रिय उपस्थिति है। और वे आईटी से लेकर फार्मास्यूटिकल्स, विनिर्माण से लेकर कृषि वाहनों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, धातु और रसायन तक कई क्षेत्रों में कार्यरत हैं। भारत में पोलैंड की लगभग 30 कंपनियों की उपस्थिति है। और उनमें से कुछ की विनिर्माण इकाइयां हैं। भारत और पोलैंड के बीच सीधी उड़ानें हैं, जो 2019 में शुरू हुई थीं। और यह एक तरह से आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों में मदद कर रही है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने रवाना होने से पहले अपने बयान में कहा था, “पोलैंड की मेरी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हमारे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है। पोलैंड मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है। लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को और मजबूत बनाती है।”
विदेश मंत्रालय (एमईए) में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने सोमवार को पीएम मोदी की पोलैंड और यूक्रेन यात्रा की घोषणा करते हुए कहा था, “हमारा द्विपक्षीय व्यापार काफी बड़ा है। और यह 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है जो पोलैंड को मध्य और पूर्वी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनाता है। पोलैंड में भारतीय निवेश लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। और भारत में पोलैंड का निवेश लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।”
पीएम मोदी यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष के रूप में पोलैंड के अपने समकक्ष से चार बार मिल चुके हैं। उन्होंने मार्च 2022 में राष्ट्रपति डूडा से फोन पर बात की थी। यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में पोलैंड ने जो सहायता दी, उसके लिए धन्यवाद दिया था। साल 2022 में पोलैंड के रास्ते 4000 से अधिक भारतीय छात्रों को निकाला गया था।
पोलैंड की यात्रा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे, जिसमें लगभग 10 घंटे का समय लगेगा। इस यात्रा से भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर जुड़ाव को बढ़ावा मिलने की संभावना है और यह दोनों देशों के बीच मजबूत और अधिक जीवंत संबंधों की नींव रखने में सहायक होगी।
–आईएएनएस इनपुट के साथ