नई दिल्ली: विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ अगर सबूत मुहैया कराया जाता है तो मलेशिया उसके भारत प्रत्यर्पण पर विचार कर सकता है। यह संकेत मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दिया है। इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के एक कार्यक्रम के सत्र में इब्राहिम ने यह भी कहा कि इस एक मुद्दे की वजह से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने से नहीं रोका जाना चाहिए। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मंगलवार की वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष द्वारा यह मुद्दा नहीं उठाया गया था।
‘भारत ने काफी पहले उठाया था जाकिर नाइक का मुद्दा’
मलेशियाई पीएम इब्राहिम ने कहा, ‘सबसे पहले तो यह (भारतीय पक्ष) द्वारा नहीं उठाया गया था। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने इसे बहुत पहले, कुछ साल पहले उठाया था…लेकिन मुद्दा यह है कि मैं एक व्यक्ति के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। मैं चरमपंथ की भावना, और सबूत जो किसी व्यक्ति या ग्रुप या गुट या पार्टियों द्वारा किए गए अत्याचारों को साबित करते हैं, उसकी भी कर रहा हूं।’
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘किसी भी विचार और दिए गए सबूत के लिए तैयार है।’
उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं करेंगे…हम सख्त रहे हैं और हम आतंकवाद के खिलाफ…इनमें से कई मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह एक मामला हमें आगे सहयोग करने और हमारे द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने से रोकना चाहिए।’
तीन दिन के भारत दौरे पर मलेशियाई पीएम
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम भारत के तीन दिन के दौरे पर सोमवार देर शाम पहुंचे थे। अनवर 2022 में मलेशिया के प्रधानमंत्री बने थे। बतौर पीएम ये उनका पहला भारत दौरा है। उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
पीएम मोदी ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बताया कि मलेशिया के प्रधानमंत्री के साथ सार्थक बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की पूरी श्रृंखला का जायजा लिया और दोनों देशों के बीच व्यापक जुड़ाव को देखते हुए, साझेदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है।
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘हमने अपनी बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों की गहराई को समझा और समझौते किए हैं जो भविष्य में हमारे रिश्तों को और मजबूत बनाएंगे। यह दौरा हमारे द्विपक्षीय सहयोग के नए अवसरों और रणनीतिक साझेदारी के विस्तार का प्रतीक है।’
वहीं, विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के बीच आठ एमओयू/करारों पर हस्ताक्षर किये गये। इनमें एक-दूसरे के यहां श्रमिकों को रोजगार; आयुर्वेद और अन्य चिकित्सा प्रणाली; डिजिटल टेक्नोलॉजी में सहयोग; संस्कृति, कला एवं विरासत के क्षेत्र में सहयोग; पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग; खेल के क्षेत्र में सहयोग; लोक प्रशासन एवं शासन सुधार के क्षेत्र में सहयोग; और दोनों देशों के वित्तीय सेवा प्राधिकरणों के बीच आपसी सहयोग पर करार शामिल थे।
जाकिर नाइक कौन है…क्या है विवाद?
जाकिर नाइक कथित मनी लॉन्ड्रिंग और नफरत भरे भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के मामले में भारत की वॉन्टेड लिस्ट में है। केंद्र सरकार ने 2016 में उसके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर बैन लगा दिया था। विवाद के बीच उसने उसी साल भारत छोड़ दिया था। जाकिर नाइक के इस फाउंडेशन पर UAPA के तहत बैन लगाया गया है। ऐसे आरोप हैं कि वह इस फाउंडेशन के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य गैरकानूनी तरीकों से पैसे जुटाता था और इसका इस्तेमाल कट्टरपंथ को बढ़ावा देने में करता था।
भारत से भागने के बाद जाकिर नाइक को महाथिर मोहम्मद के नेतृत्व वाली मलेशिया की पिछली सरकार द्वारा मलेशिया में स्थायी निवास की अनुमति दी गई थी। इसके बाद से जाकिर नाइक वहीं है।
भारत के साथ-साथ जाकिर नाइक पर बांग्लादेश में भी नफरत फैलाने और चरमपंथ को बढ़ावा देने के मामले भी दर्ज हैं। जाकिर नाइक के पीस टीवी नेटवर्क पर भी भारत समेत कुछ देशों में प्रतिबंध है। इसी टीवी नेटवर्क पर जाकिर नाइक के भाषण प्रसारित होते हैं।
जाकिर नाइक पर 2019 में टेरर फंडिंग के एक मामले में ईडी ने चार्जशीट भी दायर की थी। वहीं, 2017 में एनआईए ने भी उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में कहा गया था कि जाकिर नाइक के वीडियो देख कई युवाओं का झुकाव कट्टरपंथ की ओर हो रहा है और वे आतंकी संगठनों से जुड़ रहे हैं।
मुंबई में जन्म…मेडिकल की पढ़ाई
जाकिर नाइक का जन्म 1965 में मुंबई में हुआ था। उसके पिता डॉक्टर थे। जाकिर नाइक ने भी मेडिकल की पढ़ाई की है। हालांकि 1990 में उसने डॉक्टरी छोड़ दी और इस्लामिक रिसर्च फाइंडेशन शुरू किया। जाकिर नाइक दावा करता रहा है कि उसने सभी धर्मों की किताबें पढ़ी हैं। वह अपने वीडियो में इस्लाम को अन्य धर्मों से श्रेष्ठ बताता है। अपने वीडियो में वह कई बार विवादित बातें करता नजर आया है।
2016 में बांग्लादेश के ढाका में हुए बम बलास्ट के बाद जाकिर नाइक का नाम तेजी से उछला। एक हमलावर के जाकिर नाइक के प्रेरित होने की बात सामने आई थी। इसके बाद बांग्लादेश ने पीस टीवी पर बैन लगा दिया था। 2019 में श्रीलंका में ईस्टर संडे पर हुए धमाकों के तार भी नाइक से जुड़ने की बात सामने आई है। इस घटना में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
जाकिर नाइक के कई बयान चर्चा में रहे हैं। उसने एक बार कहा था, ‘अगर बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों से लड़ रहा है, तो मैं उसके साथ हूं। अगर वह सबसे बड़े आतंकवादी अमेरिका से लड़ रहा है, तो मैं उसके साथ हूं। हर मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए।’ बाद में नाइक ने कहा कि उसके बयानों को गलत तरीके से मीडिया ने पेश किया।
जाकिर नाइक समलैंगिकता और किसी मुसलमान को इस्लाम से किसी अन्य धर्म में परिवर्तित करने पर मौत की सजा देने की बात करता था। उसने कुछ जगहों पर यह भी कहा कि पुरुषों को अपनी पत्नियों को ‘धीरे से’ पीटने का अधिकार है। जाकिर नाइक ने इस्लामिक स्टेट द्वारा ‘सेक्स स्लेव’ रखने का भी बचाव किया। साथ ही वह गैर-मुस्लिम धार्मिक स्थलों को तोड़े जाने पर इस्लामिक स्टेट के भी समर्थन की बात करता था।