कोलकाता के एक अस्पताल में एक रेजिडेंटडॉक्टर के रेप और हत्या ने डॉक्टरों को हिला कर रख दिया है। डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े हैं, डॉक्टरों को असुरक्षित माहौल में काम करना पड़ता है और उनकी कहीं सुनवाई नहीं होती।
अपनी सुरक्षा के प्रति चिंतित डॉक्टर लगाातर सीपीए यानी कि सेंट्रेल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग करते आ रहे हैं और उनका कहना है कि अगर अब सरकार नहीं जागी तो बहुत देर हो जाएगी।
डॉक्टरों की सुरक्षा, उनके लिए वर्कप्लेस को सुरक्षित बनाना प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन उनके खिलाफ लगातार बढ़ती हिंसा से ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। बोले भारत के इस वीडियो में मेहमान है डॉ राजीव सिंह और डॉ शालिनी अग्रवाल दो दो दशक से ज्यादा समय से इस क्षेत्र में हैं।
उनसे बातचीत करके ये जानने की कोशिश की गई कि आखिर डॉक्टरों पर हमले क्यों बढ़ रहे हैं। सीपीए में ऐसा क्या खास है जिसकी मांग लगातार की जा रही है और डॉक्टरों का वर्क प्रैशर कम क्यों नहीं होता।