कोलकाता: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच कोलकाता पुलिस ने आर जी कर अस्पताल के आसपास धारा 163 लागू कर दी है।
यह धारा रविवार से लागू हुआ है। पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने कहा है कि संभावित हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सभी राज्यों के पुलिस को कानून-व्यवस्था के बारे में उन्हें रिपोर्ट भेजने को कहा है।
उधर पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने 42 डॉक्टरों के ट्रांसफर आर्डर को भी रद्द कर दिया है।
आर जी कर के पास विरोध-प्रदर्शन को लेकर क्या बोली है पुलिस
कोलकाता पुलिस ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लगा दी है।
पुलिस ने एक बयान में कहा, “18 अगस्त से अगले सात दिनों के लिए आर जी कर अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत धारा 163 लागू की है। इस अवधि के दौरान वहां कोई सभा, धरना या रैली की अनुमति नहीं होगी।”
इस धारा के तहत निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच या अधिक लोगों की गैरकानूनी सभा पर भी बैन है।
संभावित हिंसक प्रदर्शन की खबर पर उठाया यह कदम
पुलिस द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि इलाके में संभावित हिंसक प्रदर्शन हो सकते हैं जिससे सार्वजनिक शांति और सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। इससे अस्पताल में काम कर रहे चिकित्सा कर्मचारी और अन्य सरकारी कर्मचारियों के काम और उनकी सुरक्षा में भी बाधा आ सकता है।
42 डॉक्टरों का रद्द हुआ ट्रांसफर
जारी विरोध प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉक्टरों के ट्रांसफर आर्डर को फिलहाल कैंसिल करने का फैसला लिया है। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने शनिवार को 42 डॉक्टरों के ट्रांसफर को रद्द कर दिया है।
सरकार के इस फैसले की घोषणा करते हुए प्रमुख सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा है कि हालात को देखते हुए और स्थिति को सामान्य करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा है कि इस पर आगे फैसला लिया जाएगा।
केंद्र मंत्रालय ने क्या कहा है
कोलकाता महिला डॉक्टर रेप-मर्डर केस के बाद पूरे देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने हर राज्य के पुलिस विभाग को हर दो घंटे में कानून व्यवस्था की रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।
आदेश में कहा गया है कि पुलिस को यह रिपोर्ट ईमेल, फैक्स या फिर वॉट्सऐप के जरिए मंत्रालय को भेजना होगा।
आदेश पर बोलते हुए गृह मंत्रालय के कंट्रोल रूम अधिकारी मोहन चंद्र पंडित ने कहा है कि सुरक्षा की निगरानी को ध्याम में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। उनके अनुसार, हालात बेकाबू न हो जाए इसलिए यह आदेश जारी हुआ है।
महिला डॉक्टरों को रात की ड्यूटी दने से करे परहेज-राज्य सरकार
इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को सलाह दी थी कि वे महिला डॉक्टरों की रात की ड्यूटी लगाने से परहेज करें।
मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “रातिरेर साथी” नामक पहल की घोषणा की।
बंदोपाध्याय ने कहा, “जहां तक संभव हो महिला डॉक्टरों को रात की ड्यूटी देने से परहेज करने के हरसंभव प्रयास किए जाएं। सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में महिलाओं के प्रति अच्छा व्यवहार रखने वाले सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।”
महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद शुरू हुआ है विरोध प्रदर्शन
बीते नौ अगस्त को कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव रहस्यमयी परिस्थितियों में मिला था। वह पोस्ट ग्रेजुएट के दूसरे वर्ष की छात्रा थी और चेस्ट मेडिसिन विभाग में ड्यूटी करती थी। उसका शव इमरजेंसी बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर मिला था।
महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ देश भर में रोष है और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ