पेरिस: पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की संयुक्त सिल्वर मेडल की अपील को भी खारिज कर दिया गया है। विनेश का ये मामला न्यायसंगत और उचित मानकों की आवश्यकता की सख्त याद दिलाता है।
इस फैसले से भारत को एक और पदक मिलने की आस भी खत्म हो गई है। फाइनल मैच से पहले विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा था जिस कारण उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया था।
इस फैसले को लेकर विनेश ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील भी की थी जिसे बुधवार को खारिज कर दिया गया है।
केवल 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण गोल्ड मेडल पाने से चूक जाना एक साधारण गलती की तरह लग सकती है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं था बल्कि विनेश द्वारा मेडल पाने के लिए काफी प्रयास किए गए थे लेकिन उनकी कोई भी कोशिश कामयाब नहीं रही है।
अपने वजन को मेंटेन रखने के लिए विनेश ने कई उपाय भी किए थे। भारतीय पहलवान अमन सहरावत की तरह विनेश ने भी अपनी वजन को कम करने के लिए कई उपाय किए थे लेकिन सब बेकार साबित हो गया है।
क्या है पूरा मामला
विनेश का सामान्य वजन 57 किलो है और उन्होंने हाल में ही 2022 विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 53 किलो के स्पर्धाओं में भाग लिया था। पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश ने महिलाओं की 50 किलो वेट कैटेगरी में हिस्सा लिया था।
यहां तक पहुंचने के लिए विनेश ने इस खेल में कई नामी प्रतिद्वंद्वियों को हराया था। कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच को नहीं हारने वाली जापान की युई सुसाकी को भी विनेश ने हराया था।
यही नहीं उन्होंने ओक्साना लिवाच और युस्नेलिस गुज़मैन जैसी अन्य मजबूत प्रतियोगियों को भी चित्त किया था। अपनी जबरदस्त खेल के कारण वह फाइनल तक पहुंचने में भी कामयाब हो पाई थीं।
मैच के फाइनल से पहले विनेश का वजन 52.7 किलो था। लेकिन अगले ही दिन जब फाइनल मुकाबला होने वाला था उसकी सुबह में उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया जिससे वह अयोग्य घोषित कर दी गई थीं।
क्या कहते हैं नियम
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के अनुसार, अगर कोई भी पहलवान अपने कैटेगरी से ज्यादा में वजन पाया जाता है तो उसे पूरे खेल से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
यही नहीं अयोग्य घोषित होने पर उसके बाउट्स भी मान्य नहीं होते हैं। अगर पहलवान जीत के करीब भी होता है तो इस हालत में भी उसे पदक नहीं मिलता है। ऐसा ही कुछ विनेश के साथ भी हुआ है।
ऊर्जा से भरपूर रहने के लिए विनेश ने लिया था जूस
एक रिपोर्ट के अनुसार, सेमी-फाइनल के बाद और फाइनल मैच से पहले विनेश ने अपनी ऊर्जा को बरकरार रखने के लिए जूस का सेवन किया था। सुबह को वजन मापने के बाद उसने 300 ग्राम वजन का जूस लिया था।
ऊर्जा से भरपूर रहने के लिए विनेश ने मुकाबलों से पहले कुछ और लीटर तरल पदार्थ का भी सेवन किया था। इससे उसका वजन 200 ग्राम और बढ़ गया था। इन सब के बाद उसने कुछ हल्का नाश्ता भी किया था जिससे उनका वजन 700 ग्राम और बढ़ गया था।
विनेश ने क्या-क्या किया था उपाय
सेमीफाइनल के बाद विनेश का वजन 52.7 किलो था जबकि मुकाबले के लिए वजन की तय सीमा 50 किलो थी। इसे मेंटेन करने लिए उसने कम जूस पीया था और हल्का नाश्ता लिया था। यही नहीं वजन को कम करने और तय सीमा तक लाने के लिए विनेश ने रात भर कड़ी मेहनत की थी।
वजन कम करने के लिए विनेश ने ठीक उसी तरह के कदम उठाए थे जिस तरीके से अमन सहरावत ने स्पेट उठाए थे। उस रात बिना सोए विनेश ने छह घंटे तक ट्रेडमिल पर ट्रेनिंग की थी और लगभग तीन घंटे तक सॉना स्नान भी लिया था।
इन सब उपायों के कारण उसका वजन तो घटा था लेकिन अभी भी तय सीमा से ज्यादा था। इस दौरान उसने न तो कुछ खाया और न ही कुछ पिया ताकि वजन और न बढ़ जाए। वजन को और कम करने के लिए उनके कोच ने उसके कपड़े के निचले हिस्से की इलास्टिक को भी काट कर निकाल दिया था।
यही नहीं उसके कोच ने उसके बाल भी छोटे कर दिए थे। इन सब उपायों के बावजूद विनेश का वजन तय सीमा के बराबर या फिर उससे कम नहीं हो पाया था और केवल 100 ग्राम अधिक वजन के कारण वह मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित हो गई थीं।
विनेश ने संन्यास का भी किया है ऐलान
पेरिस में गोल्ड मेडल पाने के लिए एक ही दिन में विनेश ने तीन धुरंधर पहलवानों को पटखनी दी थी, लेकिन नियमों के आगे वे हार गई थीं। ‘मां मैं हार गई और कुश्ती जीत गई…’, पेरिस ओलंपिक के दौरान ही यह बात कहकर विनेश फोगाट ने खेलों से संन्यास का ऐलान किया था।
इसके पीछे वजह है उनका भाग्य जो बार-बार उनसे वो छीन लेता है, जिसकी वो हकदार हैं। साल 2016, 2020 और अब 2024 इन तीनों मौकों पर विनेश का साथ उनके भाग्य ने साथ नहीं दिया है।
इसमें सबसे बड़ी चोट विनेश को पेरिस ओलंपिक में मिली, जहां वो 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में फाइनल में पहुंचने के बाद मात्र ‘100 ग्राम’ अधिक वजन होने के कारण डिसक्वालीफाई हो गईं।
विनेश ने अपील कर सिल्वर मेडल की मांग की थी
विनेश ने इसके विरुद्ध अपील दायर की और उन्हें संयुक्त सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी। विनेश ने रिंग के बाहर सिल्वर मेडल के लिए आठ दिन तक कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन उन्हें यहां हार झेलनी पड़ी है। विनेश अभी पेरिस में ही हैं।
हालांकि उन्होंने ओलंपिक गांव को छोड़ दिया है। अब वो होटल में ठहरी हुई हैं। विनेश 17 अगस्त को भारत लौटेंगी।
पीटी उषा ने फैसले पर जताया है आश्चर्य
हालांकि, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के खिलाफ फोगाट के आवेदन को खारिज करने के सीएएस के फैसले पर अपना आश्चर्य जताया और निराशा व्यक्त की है।
पीटी उषा ने अपने बयान में कहा, “आईओए का दृढ़ विश्वास है कि दो दिनों में से दूसरे दिन इस तरह के भार उल्लंघन के लिए एक एथलीट को पूरी तरह से अयोग्य घोषित करना गहन जांच का विषय है। हमारे कानूनी प्रतिनिधियों ने एकमात्र मध्यस्थ के समक्ष इस बात को उचित रूप से रखा है।”
आईओए की ओर से कहा गया कि 100 ग्राम के मामूली अंतर और उसके परिणाम का न केवल विनेश के करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा है, बल्कि ये इन नियमों और उनकी व्याख्या को लेकर भी गंभीर सवाल उठाता है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ