नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला से 98 मिनट का भाषण दिया। आजाद भारत में स्वतंत्रता दिवस पर यह किसी भी पीएम का सबसे लंबा भाषण है। पीएम मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार देश को संबोधित किया। यह भी एक कीर्तिमान है। वे पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने लगातार 11 बार लाल किला से देश से संबोधित किया है।
पीएम मोदी का सबसे लंबा भाषण
पीएम मोदी का पिछले 11 सालों में स्वतंत्रता दिवस भाषण औसतन 82 मिनट का है। यह भारत के इतिहास में किसी भी अन्य प्रधानमंत्री की तुलना में कहीं ज्यादा लंबा है। स्वतंत्रता दिवस-2024 के भाषण से पहले उनका सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण 2016 में 96 मिनट का रहा था। पीएम मोदी का सबसे छोटा भाषण 2017 में आया था। उस साल उन्होंने लगभग 56 मिनट तक भाषण दिया था।
78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी तीसरे सबसे ज्यादा बार लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने और भाषण देने वाले प्रधानमंत्री भी बन गए। इससे पहले जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी बतौर पीएम 11 बार लाल किला पर झंडा फहरा चुकी हैं।
पीएम मोदी ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस भाषण 2014 में दिया था जो करीब 65 मिनट तक चला था। इसके बाद 2015 में उनका भाषण करीब 88 मिनट का था। बताते चलें कि पीएम के रूप में यह पीएम मोदी का 11वां और तीसरे कार्यकाल के लिए कार्यभार संभालने के बाद उनका पहला संबोधन है।
साल 2018 में पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 83 मिनट का भाषण दिया था। इसके बाद 2019 में, उन्होंने लगभग 92 मिनट का भाषण दिया जो उनका अब तक दूसरा सबसे लंबी भाषण था। साल 2020 में पीएम मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन 90 मिनट तक चला था।
पीएम मोदी का 2021 में दिया गया स्वतंत्रता दिवस भाषण 88 मिनट तक चला था। वहीं, 2022 में वह लगभग 74 मिनट तक बोले थे। पिछले साल पीएम मोदी का भाषण 90 मिनट लंबा था।
इन प्रधानमंत्रियों ने भी दिए हैं लंबे भाषण
पीएम मोदी से पहले 1947 में जवाहरलाल नेहरू और 1997 में इंदर कुमार गुजराल ने क्रमशः 72 और 71 मिनट के सबसे लंबे भाषण दिए थे। नेहरू और इंदिरा गांधी के नाम सबसे छोटा भाषण के भी रिकॉर्ड हैं जो 14 मिनट का रहा है। नेहरू ने यह छोटा भाषण 1954 में जबकि इंदिरा गांधी ने 1966 में दिया था।
पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के कुछ सबसे छोटे भाषण दिए हैं। साल 2012 और 2013 में मनमोहन सिंह के भाषण क्रमशः 32 और 35 मिनट तक चले थे। वहीं, 2002 और 2003 में वाजपेयी के भाषण इससे भी छोटे 25 और 30 मिनट के रहे थे।